नई दिल्ली। नोटबंदी के तुरंत बाद विजय माल्या जैसे डिफाल्टर कारोबारियों के 8 करोड़ के लोन माफ करने के आरोपों में घिरी मोदी सरकार को बचाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने बताया है कि 10 साल में कांग्रेस ने भी ऐसे ही कारोबारियों के 36 लाख रुपए माफ किए थे। हालांकि शर्माजी यह नहीं बता पाए कि जिस गलती के लिए कांग्रेस को सत्ता से निकाल दिया गया, भाजपा ने वही गलती क्यों की।
कांग्रेस को कमीशन पर चलने वाली पार्टी करार देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि विपक्षी पार्टी हताश है क्योंकि कैशलेस अर्थव्यवस्था से उसके लिए चंदे में काफी कमी आ जाएगी।
शर्मा ने आरोप लगाया कि यूपीए के शासनकाल में बिना चुकाए गए ऋण की मात्रा में 132 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई क्योंकि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में ऋण माफी के जरिए कॉरपोरेट घरानों को 36 लाख करोड़ रुपये का तोहफा दिया। बीजेपी नेता ने कहा कि 36 लाख करोड़ रुपये वास्तविक आर्थिक लूट है और वह नहीं जिसके बारे में राहुल बात कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री के खिलाफ आधारहीन आरोप लगा रहे हैं और वह एटेंशन सीकिंग डिस्आर्डर से पीड़ित है।
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी को होमवर्क करना चाहिए और अगर जरूरी हो तो पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से ब्यौरे के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। विजय माल्या को गांधी और कांग्रेस की उपज बताते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि 1450 करोड़ रुपये का ऋण नहीं चुका पाने के बावजूद उस कारोबारी को 1500 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया। मोदी पर गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सहारा समूह से पैसा लेने के राहुल के आरोपों पर बीजेपी नेता ने कहा कि उस समय यूपीए सरकार थी और सीबीआई, ईडी, आईटी कुछ भी नहीं पता लगा पाई।