उपदेश अवस्थी @लावारिस शहर। इस मामले में देश की जनता यह बिल्कुल सुनना नहीं चाहती कि पिछले 60 साल में कांग्रेस ने क्या क्या बर्बाद किया और राहुल गांधी कितने भ्रष्ट, निकम्मे और नाकारा हैं। यहां सवाल देशवासियों के एक व्यक्ति पर विश्वास है। नरेंद्र मोदी को 100 प्रतिशत ईमानदार माना गया और उन्होंने खुद यह दावा भी कई बार किया। पहली बार उन पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है। प्रतिपक्ष से निवेदन है, केवल यह बताएं कि क्या मोदी ने सहारा समूह से रिश्वत स्वीकार की। क्या जिन दस्तावेजों की बात राहुल गांधी कर रहे हैं, वो आयकर विभाग के पास उपलब्ध हैं।
राहुल गांधी के आरोप लगाते ही भाजपा ने वही पुरानी रिकॉडिंग प्ले कर दी है। प्लेयर का नाम रविशंकर प्रसाद है। अब यह रिकॉर्डिंग दूसरे कई प्लेयर्स पर भी चलेगी लेकिन कानून के मंत्री रविशंकर जी के बयानों में कहीं भी सहारा समूह से ली गई घूस का स्पष्ट खंडन नहीं है।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन्हें हताशा और खीझ में कही बातें बताया।
बातें हताशा में हो या खीझ में, बाहर आईं हैं तो जवाब भी दीजिए।
उन्होंने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में कांग्रेस नेताओं के साथ गांधी परिवार का नाम रहा है। इससे ध्यान हटाने के लिए राहुल ने गंगा समान पवित्र पीएम मोदी पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।
जनता जानती है गांधी परिवार के नाम कई सारे घोटालों में है। इसलिए तो कांग्रेस को हटाकर भाजपा को जिताया गया। आरोप यदि बेबुनियाद है तो तर्क और तथ्यों के साथ प्रमाणित कीजिए।
उन्होंने तंज कसा कि आरोप लगाने वाले राहुल तो खुद पांच हजार करोड़ के नैशनल हेराल्ड केस में जमानत पर हैं।
सबको मालूम है राहुल गांधी आधा दर्जन से ज्यादा मामलों में जमानत पर हैं, लेकिन वो देश के आदर्श नहीं हैं। देश के युवा राहुल गांधी को फॉलो नहीं करते। नरेंद्र मोदी उनके आइडियल हैं। इस तरह के बयान देकर राहुल गांधी के बयान के साथ रविशंकर प्रसाद का बयान प्रकाशित या प्रसारित कराया जा सकता है परंतु प्रतिष्ठा में छरण को रोका नहीं जा सकता।
यह तो तभी हो पाएगा जब जनता की अदालत में आप इस आरोप का प्रमाणित खंडन कर सकें कि गुजरात के तत्कालीन मंत्री श्री नरेंद्र दामोदर मोदी ने सहारा या बिड़ला समूहों से रिश्वत नहीं ली थी। जब आयकर विभाग कहे कि उसकी छापामारी में ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला। जब सहारा और बिड़ला समूह सामने आकर कहें कि हमने कभी मोदी को अपने लाभ के लिए रिश्वत प्रस्तुत नहीं की।