शिवराज सरकार संविधान विरुद्ध पक्षपात कर रही है: सपाक्स

Bhopal Samachar
भोपाल। प्रदेश के ‘सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारी कर्मचारी’ राज्य सरकार द्वारा ‘पदोन्नति में आरक्षण’ का पक्ष लेने के कारण सरकार से नाराज हैं। सरकार द्वारा एक वर्ग विशेष के तुष्टिकरण हेतु किये जा रहे शासकीय धन के दुरूपयोग की सपाक्स घोर निंदा करता है। सरकार पदोन्नति में आरक्षण प्रकरण को माननीय न्यायालय में लंबा खींचने के लिए नित नए अवरोध तो पहले से ही पैदा कर रही थी अब तो धनबल का बेजा इस्तेमाल भी शुरू कर दिया गया है। विभिन्न समाचार पत्रों में प्रमुखता से यह खबर छापी गई है कि सरकार प्रत्येक सुनवाई पर 25-50 लाख रूपये खर्च कर रही है। सपाक्स संस्था सरकार से जानना चाहती है कि क्या सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों के प्रति सरकार की कोई जवाबदारी नही है? सरकार संविधान के प्रावधान अनुरूप सभी वर्गों से समान भाव से राजधर्म को निभाने की बजाय वोटधर्म को क्यों अपना रही है?

14 वर्षो बाद माननीय उच्च न्यायालय से न्याय प्राप्त कर इस वर्ग के शासकीय सेवकों को पदोन्नति की आस बंधी थी। इस वर्ग के शासकीय सेवक अभी तक ये मानते थे कि यह अन्याय कांग्रेस के कारण हुआ था जिसकी मुख्य वजह तत्कालीन मुख्यमंत्री का दलित एजेंडा था। प्रदेश के इतिहास में यह पहली घटना है जब सरकार द्वारा किसी प्रकरण हेतु गैर शासकीय वकीलों की फौज नियुक्त की गयी हो और वह भी प्रत्येक सुनवाई के पूर्व 25-50 लाख के अग्रिम भुगतान के साथ।

सरकार के इस रवैये के कारण सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के सिर्फ अधिकारियों कर्मचारियों में ही रोष नहीं है बल्कि इस समाज के आम जनों में भी असंतोष है। यही कारण है कि सामान्य पिछडा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के विभिन्न गणमान्य नागरिकों द्वारा एक नवीन सामाजिक संगठन ‘‘सपाक्स समाज संस्था’’ खड़ा कर लिया गया है एवं उक्त संस्था द्वारा खुलकर पदोन्नति में आरक्षण तथा अत्याचार निवारण अधिनियम की विसंगतियों के विरोध में अधिकारियों कर्मचारियों के संगठन ‘‘सपाक्स’’ को समर्थन दिया गया है।

सरकार के इस रुख के विरोध में रणनीति तैयार करने हेतु सपाक्स द्वारा तृतीय प्रांतीय महाधिवेशन दिनांक 17 दिसंबर 2016 को भोपाल में आयोजित किया गया है जिसमे प्रदेश भर के पदाधिकारी सम्मलित होंगे। इस अधिवेशन में ही सपाक्स समाज संस्था द्वारा अनेकों सामाजिक संगठनों के साथ सपाक्स को खुले समर्थन की घोषणा की जावेगी। 

‘‘सपाक्स समाज संस्था’’ के प्रदेश अध्यक्ष तथा वरिष्ठ पत्रकार श्री ललित शास्त्री का कहना है कि इस मुद्दे पर प्रदेश व्यापी मुहिम चलाकर सरकार द्वारा एक वर्ग विशेष के पक्ष में खड़े रहकर सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के शासकीय सेवको के साथ किये जा रहे अन्याय के बारे में समाज के प्रत्येक सदस्य को बताया जावेगा। सपाक्स समाज संस्था पदोन्नति में आरक्षण के परोक्ष प्रभाव के कारण इस वर्ग के बच्चों के शासकीय सेवा से वंचित होने के बारे में भी बताएगी, साथ ही क्रीमी लेयर के लोगो को आरक्षण दिए जाने से हो रहे शासकीय धन के दुरूपयोग के बारे में भी आम जन को बताएगी। समाज संस्था आरक्षण के असल हकदारों अर्थात गरीब और आज तक आरक्षण के लाभ से वंचित अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग भाइयों बहिनों को भी शिक्षित करेगी और उन्हें बताएगी कि आपका हक आपके समाज के संपन्न लोग के पीढ़ी दर पीढ़ी मार रहे हैं। 

श्री शास्त्री ने कहा कि सपाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में वे भी उपस्थित रहेंगे और वहीं से ‘‘सपाक्स समाज संस्था’’ के प्रदेश व्यापी सदस्यता अभियान एवं आंदोलन की शुरुआत करेंगे, साथ ही सरकार द्वारा इस प्रकरण में सरकार की ओर से सुनवाई में किये जा रहे अनावश्यक विलम्ब तथा जनता की गाढ़ी कमाई के दुरूपयोग के संबंध में जन सामान्य को जागरूक करेगी।

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