नईदिल्ली। बेतुकी बयानबाजी करने वाले बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर लंबे समय से सत्ता की ठनक में देख जा रहे थे। इसी के चलते उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी गलत बयानी कर दी। अब जब सुप्रीम कोर्ट आंख तरेंरी तो ठाकुर को सपनों में सलाखें दिखने लगीं। नेताजी सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने वाले हैं। उनके वकील इसकी तैयारियां कर रहे हैं। बोर्ड सूत्रों के मुताबिक हलफनामे के जरिए यह माफीनामा 23 दिसंबर को या फिर उससे पहले दाखिल किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने 15 दिसंबर को सुनवाई में अनुराग ठाकुर के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि अदालत ने प्रथमदृष्टया पाया है कि अनुराग ठाकुर ने अदालत को गुमराह करने की कोशिश की है। चीफ जस्टिस ने यहां तक कह दिया था कि अगल अदालत के समक्ष गलत बयानी का मामला साबित होता है तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। इसके बाद बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने ठाकुर की ओर से माफी मांगे जाने की बात कही थी।
सुप्रीम कोर्ट के इस सख्त रवैये के बाद अनुराग ठाकुर को अहसास हो चला है कि उनके पास अब माफी मांगने के अलावा कोई चारा नहीं है। इसी को ध्यान में रख उनकी ओर से माफी नामा तैयार कराया जा रहा है। हालांकि अब यह सुप्रीम कोर्ट पर ही निर्भर करेगा कि अनुराग ठाकुर के माफीनामे को स्वीकार किया जाता है या नहीं। ठाकुर के लिए यह मुश्किल भी आईसीसी चीफ शशांक मनोहर की वजह से खड़ी हुई है। मनोहर की ओर से दाखिल हलफनामे में ही कहा गया था कि ठाकुर ने बोर्ड में सीएजी प्रतिनिधि की नियुक्ति पर इसे सरकारी हस्तक्षेप मानते हुए आईसीसी को पत्र लिखने को कहा था, जबकि कोर्ट में ठाकुर ने हलफनामे के जरिए ऐसा नहीं किए जाने की बात कही थी।
वहीं कोर्ट की ओर से बोर्ड को जीके पिल्लई के स्थान पर पैनल सदस्यों के नाम दाखिल करने को भी कहा गया है। लेकिन बोर्ड कोर्ट के समक्ष नाम नहीं दाखिल करेगा। बोर्ड सूत्रों के मुताबिक ऐसा करने पर यह पक्का हो जाएगा कि बोर्ड खुद अपने पदाधिकारियों के स्थान पर नए पैनल को नियुक्त करने को तैयार है।