भाजपा से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. बिहार के दरभंगा में मीडिया से बात करते हुए कीर्ति आजाद ने नोटबंदी पर कई सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि काले धनवालों ने अपने रुपये सफेद कर लिये जबकि आम लोग आज भी परेशान हैं. नोटबंदी के कारण छोटे धंधे चौपट हो गये हैं और मजदूर बेरोजगार हो गये हैं.
कालेधन पर लगाम लगाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया लेकिन कीर्ति आजाद ने आरबीआई और वित्त मंत्रालय की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि बैंकों में अरबों रुपये की हेराफेरी कर काले नोट को सफेद किया गया. बैंक सीधे वित्त मंत्रालय के अधीन आते हैं और बैंकों में कालाधान को बड़े पैमाने पर सफेद किया गया और इसके लिए सीधे अरुण जेटली जिम्मेदार हैं. कीर्ति आजाद ने कहा कि वित्त मंत्री अक्षम हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. वो अर्थशास्त्री भी नहीं है.
उन्होंने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2006 से 2012 के बीच 144 करोड़ रुपये कमाये. 2009 से वो विपक्ष के नेता है यानि दो साल में अरूण जेटली की आमदनी में 144 रूपये की बढ़ोतरी हुई. उन्होंने अरुण जेटली की संपत्ति की जांच की मांग की. सीधे प्रधानमंत्री से सवाल पूछते हुए कीर्ति आजाद ने कहा कि मोदी जी यह बताये की कालेधन रखनेवाले तो पकड़े जा रहे हैं पर बैंकों से कालाधन सफेद कराने में जो लोग शामिल हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है.
वहीं राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार के लगाये आरोप पर कीर्ति आजाद ने प्रधानमंत्री को घेरते हुए कहा कि मैं अगर प्रधानमंत्री की जगह होता तो सीबीआई से जांच करा लेता ताकि दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाए. कीर्ति आजाद में चीनी कंपनी पेटीएम को बढ़ावा देने पर भी सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि पेटीएम हरेक ट्रांजेक्शन पर दो फीसदी वसूलता है.