
1. सबसे पहली बात कि पुश्तैनी सोना आपका है या नहीं, इसके लिए आप वसीयत को सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। आपके पुरखों ने जो वसीयत आपके नाम लिखी है वह पुश्तैनी गहनों की प्रमाणिकता के लिए वही काफी है।
2. इसके आलावा अगर आपके पास पुश्तैनी सोना गहने या किसी अन्य रूप में है और आपने उसका खुलासा आपने 2014-15 तक कर देते हुए बतौर अपनी संपत्ति किया है तो भी घबराने की ज़रुरत नहीं है। वह सोना वैध माना जाएगा हालांकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे उसकी टैक्स रसीद मांग सकता है।
3. अगर मामला ये है कि आपने पुश्तैनी गहनों या सोने पर टैक्स नहीं दिया है तो उसकी एक मूल्यांकन रिपोर्ट आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होगी। अगर गहने को तोड़कर बनवाया गया है तब भी उनकी रसीद आपके पास होनी चाहिए।
4. अगर किसी ने गिफ्ट के तौर पर आपको सोना या गहना दिया है, तो जिसने वो गिफ्ट खरीदा था उसके नाम का बिल या रसीद दिखानी होगी। जिसने भी वो खरीदा था वो उस दुकान जाकर वो रसीद आसानी से हासिल कर सकता है।
5. अगर आपने यदि घर का इंश्योरेंस करवाया है और साथ में सोने का भी, तो इंश्योरेंस पेपर को सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इंश्योरेंस पेपर में आपके घर के साथ-साथ यदि आपने गोल्ड का जिक्र भी किया है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लिए इतना काफी होगा।
6. पुराने और नए सोने में काफी अंतर होता है। ऐसे में आप पुराने गहनों या सोने की फोटो खींचकर अपने पास रख लें। जिसे साफ पता चल जाएगा कि इसे आपने नहीं खरीदा है। जिन लोगों ने पुश्तैनी सोने या गहनों को गिरवी रखा है, तो वह उसकी रसीद को प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।