भोपाल। पंचायत प्रतिनिधि आंदोलन करने के बाद भी अधिकार वापस न मिलने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाएंगे। त्रिस्तरीय पंचायतराज संगठन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को जबलपुर में वरिष्ठ वकील विवेक तनखा से मुलाकात की और तय किया कि तीन-चार अलग-अलग याचिका लगाई जाएंगी। इसमें सरकार की घोषणा के बाद भी अधिकार न दिए जाने का मुद्दा उठाया जाएगा।
संगठन के संयोजक डीपी धाकड़ ने बताया कि 1993 में मिले अधिकार और मौजूदा स्थिति को लेकर तुलनात्मक रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखी जाएगी। पहले जिला पंचायत की स्थायी समिति को बहुत पॉवर थे लेकिन धीरे-धीरे उप समितियां बनाकर इन्हें खत्म कर दिया गया।
23 विभागों की निगरानी का जिम्मा जिले में जिला पंचायत के पास था, वो भी अब नहीं है। पंचायतों को अविवादित जमीन के नामांतरण के अधिकार दिए गए थे जो वापस ले लिए गए। आंदोलन के बाद राजस्व विभाग ने अधिकार वापस करने की घोषणा तो कर दी पर इसका पालन नहीं हो रहा है।