भोपाल। मप्र में लगातार सस्पेंड चल रहीं दलित महिला आईएएस शशि कर्णावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर कालाधन के खिलाफ मुहिम में टिप दी है। उन्होंने बताया है कि शिवराज सिंह के संरक्षण प्राप्त आईएएस अफसरों के पास अकूत काली संपत्तियां जमा हो गईं हैं। मुख्यमंत्री का संरक्षण होने के कारण शिकायतों के बावजूद कोई ऐजेंसी कार्रवाई नहीं करती। कर्णावत ने सीबीआई की छापामारी कराने की मांग की है।
शशि ने रविवार को प्रधानमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में भ्रष्टाचार, कालेधन और बेनामी संपत्ति के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई का समर्थन करते हुए लिखा है, "मध्यप्रदेश में शिवराज के चहेते अफसरों द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर बनामी संपत्ति बनाई गई है. ये अफसर वर्षों से मलाईदार पदों पर हैं और बेनामी संपत्ति इकट्ठा कर रहे हैं. इन अफसरों को मुख्यमंत्री का संरक्षण है." उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि एक तरफ मलाईदार पदों पर पदस्थ वरिष्ठ अफसरों को मुख्यमंत्री संरक्षण दे रहे हैं, वहीं दलित अफसरों को प्रताड़ित किया जा रहा है.
उन्होंने दलित आईएएस अफसर रमेश थेटे को अपर मुख्य सचिव आर.एस. जुलानिया द्वारा प्रताड़ित करने और थेटे द्वारा जुलानिया के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें बिना विभाग का सचिव बनाकर अपमानित करने का जिक्र किया है. थेटे के साथ यह बर्ताव बाबा साहब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर हुआ.
इस पत्र में शशि ने अपने साथ हो रहे बर्ताव का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है, "उन्हें झूठे आरोपों में फंसाकर और मुख्यमंत्री ने चहेते अफसरों से झूठी गवाही दिलाकर जेल भिजवाया. इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर न्याय का भरोसा दिलाया गया. न्याय तो नहीं दिलाया उल्टे अब बर्खास्त कराना चाह रहे हैं."
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में शशि ने मुख्यमंत्री चौहान को 'दलित विरोधी' करार देते हुए कहा है कि दलितों के खिलाफ की जा रही दमनात्मक कार्रवाई से भाजपा की दलित विरोध छवि बनने लगी है. इस पत्र में उन्होंने मोदी को डॉ. अंबेडकर को मानने वाला दलित हितैषी प्रधानमंत्री बताया है. शशि कर्णावत ने प्रधानमंत्री मोदी से मुख्यमंत्री चौहान के चहेते अफसरों द्वारा अर्जित की गई अरबों की बेनामी संपत्ति के खुलासे के लिए सीबीआई सहित अन्य एजेंसियों से छापे पड़वाने का आग्रह किया गया.