भोपाल। ग्वालियर के कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने जिले में स्वास्थ्य अधिकारियों के भ्रष्टाचार की पोल खोली है। उन्होंने स्वास्थ्य संचालनालय को चिट्ठी लिखी है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भितरवार के खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ.पीएन शाक्य मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के आवेदन पत्रों में हस्ताक्षर नहीं करते हैं तथा बदले में पैसे मांगते हैं। कलेक्टर ने यह जानकारी अपने पटवारी और शाखा लिपिक की रिपोर्ट पर भेजी है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा योजना, सीएम शिवराज सिंह चौहान की प्राथमिकता में शामिल हैं। योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को सरकार अपने खर्चे पर तीर्थ पर भेजती है। तीर्थ में जाने से पहले बुजुर्गों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। इसके लिये चयनित वरिष्ठ नागरिकों के आवेदन लेकर पटवारी देवेन्द्र गौड़ और शाखा लिपिक खंड चिकित्सा अधिकारी भितरवार डॉ.पीएन शाक्य के पास पहुंचे थे। इस दौरान डॉ. शाक्य ने आवेदन पत्रों पर हस्ताक्षर करना तो दूर दोनों कर्मचारियों के खिलाफ अभद्र व्यवहार किया था तथा पैसों की मांग की गई।
जांच में मिली अव्यवस्थाएं:
स्वास्थ्य संचालनालय ने देवास जिले के नेमावर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ.जीवन यादव को नोटिस दिया है। देवास जिले के प्रभारी अधिकारी डॉ.राजश्री बजाज ने जुलाई में औचक निरीक्षण किया था। यहां न्यूबोर्न केयर कार्नर में प्रविष्टियां नहीं पाई गई तथा चिन्हित प्रसव केन्द्र होने के उपरांत संस्था में प्रीटर्म बेबीशीट अनुपलब्ध पाई गई। स्वच्छता का भी अभाव रहा। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर बीएमओ से 15 दिन में जवाब देने का नोटिस दिया गया है।
चार माह बाद जागा विभाग
कलेक्टर द्वारा लिखे गये इस संबंध के पत्र में स्वास्थ्य विभाग चार माह बाद जागा। संचालनालय को कलेक्टर ने 27 जुलाई 2016 को पत्र लिखा था। इस पत्र पर अब संचालनालय ने डॉ.शाक्य को शो कॉज नोटिस दिया है। नोटिस में कहा गया है कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के कार्य में आपने अपने पदीय दायित्वों के विपरीत आचरण किया है तथा गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है। इससे जनमानस को मिलने वाले लाभ के लिए अनावश्यक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इसलिए दो सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब दें अन्यथा एकतरफा कार्रवाई की जायेगी।