CEO को नहीं है शिक्षकों पर कार्रवाई, प्रमोशन, ट्रांसफर का अधिकार

Bhopal Samachar
छत्तीसढ़। अप्रैल महीने में जिले से 564 अतिशेष शिक्षकों के दूसरे जिले में किए गए ट्रांसफर को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। शिक्षाकर्मियों के लिए जनपद पंचायत को नियोक्ता बताकर तथा ट्रांसफर आर्डर को पंचायत अधिनियम 1993 का उल्लंघन बताकर कोर्ट ने शासन को फटकार लगाई है और तत्काल प्रभाव से सभी शिक्षकों को अपने मूल नियोक्ता स्थान में लौटने के आदेश दिए हैं। 

अतिशेष शिक्षकों के लिए 8 माह बाद जाकर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अतिशेष बताकर रायगढ़ से दूसरे जिलों में भेजे गए शिक्षकों के मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति जनपद पंचायतों द्वारा की गई थी। छग पंचायत अधिनियम के अनुसार इनकी नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण एवं निलंबन के लिए जनपद की सामान्य सभा का अनुमोदन जरूरी है। नियमों के अनुसार सामान्य सभी भी जनपद पंचायत के क्षेत्राधिकार में ही इसका अनुमोदन कर सकती है, लेकिन मामले में जनपद पंचायतों से बिना अनुमाेदन कराए ही सीधे दूसरे जिलों में ट्रांसफर कर दिया गया है। 

जिला पंचायत सीइओ द्वारा जारी ट्रांसफर आदेश को एकतरफा एवं अधिकार सीमा का उल्लंघन बताकर कोर्ट ने तीखी टिप्पणी भी की और इस मामले में तत्काल प्रभाव से सभी शिक्षकों को उनके मूल विभाग में वापस करने के आदेश दिए हैं। जिला पंचायत सीइओ एवं शिक्षा सचिव को जवाब देने कहा है। हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के इस आदेश के बाद अब रायगढ़ जिले से बाहर भेजे गए 564 अतिशेष शिक्षक वापस जिले में अपनी सेवा दे सकेंगे। कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षाकर्मी संघ ने इसे न्याय की जीत बताया है और ऐसे शिक्षकों के वेतन भुगतान एवं पदोन्नति के लिए संगठन द्वारा प्रयास करने की बात कही है। 

8 महीनों बाद 7 जिलों से वापसी- अप्रैल-मई महीने में अतिशेष शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश जारी कर उन्हें राज्य के 7 अलग अलग जिलों में भेजा गया था। रायगढ़ के ज्यादातर सहायक शिक्षक पंचायत को जांजगीर, कोरबा, कवर्धा, मुंगेली एवं बलौदाबाजार भेजा गया था लेकिन अब 8 महीने बाद इनकी वापसी होगी। 

कब क्या कैसे 
20 अप्रैल को जिला पंचायत सीइओ ने 564 शिक्षकों का किया ट्रांसफर 
रिलीव नहीं होने पर प्रशासन द्वारा 10 मई को एकतरफा भारमुक्त करने का आदेश 
शिक्षाकर्मियों ने विरोध में किया कलेक्टोरेट का घेराव, हड़ताल शुरू । 
रिलीव से बचने जिले में 300 शिक्षकों ने बीमार बताकर दिया मेडिकल सर्टिफिकेट 
आदेश के खिलाफ कोर्ट गए शिक्षक, जिले से ही हाईकोर्ट में 376 मामले 
23 दिसंबर को हाईकोर्ट ने लगाई ट्रांसफर पर रोक, अब जिले में होगी वापसी। 

सत्र के बाद होगी वापसी 
564 अतिशेष शिक्षकों में से जिन्होंने दूसरे जिले में ज्वाइन कर लिया है, ऐसे शिक्षकों को कोर्ट ने वर्तमान शिक्षा सत्र के बाद वापस आने के आदेश दिए हैं और शेष शिक्षकों के लिए तत्काल प्रभाव से आदेश लागू है। 

15 स्टे, 4 अवमानना नोटिस 
हाईकोर्ट में रायगढ़ जिले से ही 376 शिक्षाकर्मियों ने ट्रांसफर के खिलाफ याचिका लगाई थी। इसके लिए 27 सरकारी वकील जिपं के लिए पैरवी कर रहे थे। इनमें अब तक करीब 15 मामलों में स्टे आर्डर और 4 मामलों में तो जिपं सीइओ अवमानना नोटिस भी हाईकोर्ट से मिला था। 

2 बिंदुओं से आदेश खारिज 
छग पंचायत अधिनियम की धारा 17 एवं शिक्षक पंचायत संवर्ग सेवा भर्ती अधिनियम 2012 के आधार पर हाईकोर्ट ने कहा कि जिला पंचायत सीइओ को शिक्षकों का दूसरे जिले में ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं है। सरकार ने आरटीई के एक नियम का सहारा लगाया लेकिन कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया। 

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