भोपाल। 60 लाख की घूस के मामले में फंसे भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के जनरल मैनेजर सीएल यादव की अब पूरी कुण्डली खंगाली जाएगी। सीबीआई हर उस प्रोजेक्ट की जांच करेगी जिसमें यादव जुड़े थे और हर उस व्यक्ति की छानबीन की जाएगी जिसका यादव के साथ संदेहास्पद मिलना जुलना था। यादव की पोल खोलने वाले सूत्रों ने यादव की कुण्डली के कुछ पन्ने सीबीआई तक पहुंचा भी दिए हैं।
मामले में सीबीआई ने शनिवार को यादव के भोपाल स्थित घर व जालंधर कार्यालय (मौजूदा कार्यरत) सहित टेक्समो कंपनी के बुरहानपुर स्थित दो व्यापरियों के घर व दफ्तर पर छापा मारा था। इसके बाद यहां से कई दस्तावेज जब्त किए गए। आयकर विभाग द्वारा लीड देने पर सीबीआई ने यादव के खिलाफ आठ नवंबर को मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू की थी।
कंपनी के पास मप्र में डिजिटल इंडिया मिशन के तहत ऑप्टिकल फाइबर केबल के लिए प्लास्टिक डक्ट तैयार करने का काम था। कंपनी के बहीखाते में 60 लाख रुपए यादव को बिल जल्दी व बिना किसी रुकावट के पास करने के एवज में देना लिखा था।
हालांकि सीबीआई यह जांच कर रही है कि बात सिर्फ बिल पास करवाने की थी या कुछ और काम भी इस रकम के एवज में करवाए गए। सूत्रों की मानें तो सीबीआई यादव के लगभग तीन साल के भोपाल कार्यकाल की भी जांच करेगी, इसमें यह देखा जाएगा कि वह किन-किन प्रोजेक्ट से सीधे तौर पर जुड़े थे। छह महीने पहले ही यादव का तबादला भोपाल से जालंधर हुआ था।
स्टेशन मामले में होगी कैंसिल टिकट की जांच
इधर, सीबीआई भोपाल और हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर नोटबंदी के बाद ब्लैक से व्हाइट किए गए 11 लाख रुपए के मामले में इस सप्ताह से अधिकारियों से पूछताछ शुरू करेगी। सूत्रों की मानें तो सीबीआई अपनी जांच में रिजर्वेशन के बाद कैंसिल करवाए गए टिकटों की पड़ताल भी करेगी। सीबीआई को शक है कि कई टिकट बल्क में करवाकर भी कुछ लोगों ने पुराने नोट चलाने की कोशिश की है।