
दिसंबर 2015 में एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के तत्कालीन कमिश्नर जेएन मालपानी बड़वानी के सहायक आयुक्त आरके श्रोती से बजट का हिस्सा मांग रहे थे।
प्रारंभिक जांच में दोषी
जेएन मालपानी और आरके श्रोती के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने इसकी जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया को सौंपी थी। जुलानिया ने जांच में मालपानी को रिश्वत मांगने का आरोपी माना था, इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
तीन बार बढ़ाई निलंबन अवधि, इस बीच हो गए रिटायर
1994 बैच के आईएएस अफसर जेएन मालपानी को 28 दिसंबर 2015 को निलंबित किया गया। इसके बाद 16 अगस्त तक सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन बार उनकी निलंबन की अवधि बढ़ाई, इस बीच 31 अगस्त को वे रिटायर हो गए।
जुलानिया का किया था विरोध
अपने बचाव में मालपानी ने अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया को एक फोरेंसिक रिपोर्ट सौंपी थी। मालपानी का आरोप था कि ऑडियो की टेंपरिंग हुई है। साथ ही मालपानी ने तत्कालीन मुख्य सचिव अंटोनी डीसा से जुलानिया से जांच न कराने की मांग की थी।
इनका कहना है
मालपानी को रिटायरमेंट से पहले नोटिस दे चुके थे, इसलिए रिटायरमेंट के बाद विभागीय जांच की जा सकती है। जांच शुरू कर दी है।
रश्मि अस्र्ण शमी, सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग