INDRANI MUKHERJEE: लक्झरी लाइफ के लिए बेटी को बहन बताती थी, अब जेल में गीता लिख रही है

Bhopal Samachar
मुंबई। चर्चित शीना वोरा हत्याकांड मामले में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने अदालत से अपनी किताब प्रकाशित करने की अनुमति मांगी है। इंद्राणी ने सीबीआई की विशेष अदालत को बताया कि उन्होंने भगवत गीता के 700 श्लोकों का संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद किया है। जिसे अब वे प्रकाशित करना चाहती हैं। 

न्यायाधीश एचएस महाजन ने इंद्राणी के इस अनुरोध को सुनने के बाद कहा कि वे इस संबंध में एक आवेदन दायर करें। इसके बाद उन्हें अनुमति देने के बारे में विचार किया जाएगा। इस दौरान मुखर्जी ने कहा कि किताब की बिक्री से होनेवाली आमदनी का आधा हिस्सा इस्कान को दान करने के अलावा बाकी की रकम भायखला जेल में बंद असहाय महिलाओं को देने की इच्छा रखती है।

उन्होंने कहा कि जेल में बंद 90 प्रतिशत महिलाओं का साथ उनके परिवार वाले छोड़ देते हैं। इससे पहले इंद्राणी के पति पीटर ने अपनी आत्मकथा लिखने की इच्छा जाहिर की थी और इसके लिए अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें लैपटॉप प्रदान किया जाए। 

ऐसे किया गया था कत्ल
श्यामवर ने अदालत में बताया है कि, इधर-उधर की बात करने के बाद संजीव खन्ना, शीना और इंद्राणी मैडम कार में बैठकर पाली हिल की ओर रवाना हो गए। कुछ देर चलने के बाद मैडम ने मुझे साइड में गाड़ी रोकने को कहा। शीना उस वक्त सो रही थी। मैडम ने खन्ना को इशारा किया कि पीछे आओ। खन्ना पीछे जाकर शीना के बगल में बैठ गए। मैडम ने मुझसे कहा कि श्याम शीना का मुंह दबाओ। मैंने ड्राइवर सीट पर मुड़कर देखा तो खन्ना ने शीना के बाल पकड़े हुए थे और इंद्राणी मैडम शीना की जांघों पर बैठकर उसका गला दबा रही थी। मैंने शीना के मुंह पर हाथ रखा तो शीना ने बहुत जोर से मेरी उंगली में काट लिया। थोड़ी देर में सब शांत हो गए। खन्ना आगे आकर बैठ गया। शीना सीट पर पड़ी हुई थी। मैडम मुझसे बोली- चलो। थोड़ी दूर जाने के बाद खन्ना गाड़ी से उतर गया।

कौन थी शीना?
इंद्राणी मुखर्जी की बेटी शीना का जन्म 1988 में गुवाहाटी में हुआ। शीना ने अपने स्कूल की पढ़ाई गुवाहाटी के डिज्नीलैंड हाईस्कूल से की। इसके बाद वो अपनी मां के साथ मुंबई आ गई। यहां इंद्राणी ने अपने पति पीटर मुखर्जी को बताया कि वह उनकी बहन है। मुंबई आने के बाद शीना अपनी मां इंद्राणी के घर के पास ही पीजी में रहने लगी। शीना के सेंट जेवियर कॉलेज में एडमिशन के लिए पीटर मुखर्जी ने मदद की थी।

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