भोपाल। मप्र अब कैशलैस होने जा रहा है। सीएम शिवराज सिंह चाहते हैं कि मप्र देश का पहला कैशलेस राज्य बन जाए, इसलिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। ग्रामीणों को नगदी की कमी पूरी करने के लिए राशन की दुकानों से कार्ड स्वाइप कराने की सुविधा दी जा रही है। तय किया गया है कि मंदिर एवं पर्यटक स्थलों पर जहां प्रवेश शुल्क लगता है। वहां पीओएस मशीन लगाई जाएं। जिनके पास एटीएम नहीं होगा, उन्हे दर्शन मिलेंगे या नहीं दीपक खांडेकर की अध्यक्षता में गठित समिति ने क्लीयर नही किया है। अनुशंसाओं को मंत्रियों ने मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोटबंदी के फैसले के बाद मध्यप्रदेश में नगद रहित व्यवहारों को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार करने योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक खांडेकर की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसाओं पर विचार के बाद मध्यप्रदेश के लिए कई प्रमुख निर्णय नगद रहित व्यवहार बढ़ाने हेतु लिए गए।
शहरी क्षेत्रों में तो एटीएम है इसलिए वहां कैशलेस ट्रांजेक्शन में आसानी है लेकिन गांवों में बैंक दूर-दूर होने के कारण ग्रामीणों के खातों में पहुंचने वाली मजदूरी, निराश्रित पेंशन और अन्य राशियों को निकालने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों को रोजाना की जरुरत का सामान खरीदने के लिए नगद राशि की जरुरत होगी। इसके लिए यह निर्णय लिया गया है कि राशन दुकान के संचालक चूंकि स्थाई होते है और उन पर ग्रामीणों को भरोसा भी होता है। इसलिए इन्हें बैंकिंग करसपोंडेस (बीसी) बनाया जाएगा। इन्हें रोजाना पचास हजार रुपए तक का लेन-देन करने के लिए अधिकृत किया जाएगा। ग्रामीण राशन दुकानों पर अपनी पासबुक, एटीएम, क्रेडिट कार्ड ले जाकर नगद राशि यहां से प्राप्त कर सकते है और राशि यहां जमा भी कर सकते है।
धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर भी लगेगी पीओएस
धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों पर जहां प्रवेश शुल्क लगता है वहां प्रवेश शुल्क भी पीओएस मशीनों के माध्यम से लिया जाएगा। मध्यप्रदेश शासन के कर, डयूटी, फीस, नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों के विभिन्न शुल्क भुगतान के लिए भी पीओएस मशीने और नगद रहित संसाधनों का उपयोग बढ़ाया जाएगा। राज्य शासन द्वारा नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर भी नगद राशि में शुल्क नहीं लेंगे यह सुनिश्चित किया जाएगा।
नगद राशि से भुगतान करने वालों से कैश हेंडलिंग चार्ज लिया जाएगा। दुग्ध संघ के माध्यम से बेचे जाने वाले दुग्ध उत्पादों की बिक्री के बाद भुगतान भी डेबिट, क्रेडिट कार्ड, मोबाईल वालेट के जरिए और अग्रिम भुगतान के जरिए लिए जाने की व्यवस्था की जाएगी। दुकानों के पंजीयन के समय भी लाइसेंस नवीनीकरण के समय व्यापारियों से घोषणा पत्र लिया जाएगा कि उनके व्यवसाय स्थल पर पीओएस मशीन लगा दी गई है। ऐसा न करने वालों को एक समयसीमा के भीतर पीओएस मशीन लगाए जाने के निर्देश दिए जाएंगे। स्कूल, कॉलेज में फीस का भुगतान भी कैशलेस किया जाएगा।