नईदिल्ली। चीन की दिग्गज आईटी कंपनी अलीबाबा से वित्तपोषित इंडियन डिजिटल पेमेंट वॉलेट पेटीएम को मिल रहा वीवीआईपी ट्रीटमेंट अब मोदी सरकार के लिए सिरदर्द बन सकता है क्योंकि सीबीआई ने पेटीएम की शिकायत पर मात्र 6.15 लाख के घोटाले के लिए एफआईआर दर्ज कर ली है। यह शायद पहला मामला है जब किसी निजी कंपनी में हुए इतने छोटे से घोटाले की जांच सीबीआई करेगी। सामान्यत: सीबीआई सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या सरकार के आदेश पर जांच शुरू करती है। इतन तरह प्राइवेट कंपनियों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं करती।
सीबीआई ने दिल्ली के कालकाजी, गोविंदपुरी व साकेत में रहने वाले 15 ग्राहकों तथा पेटीएम की पैतृक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पेटीएम के विधि प्रबंधक एम शिवकुमार ने इस बारे में शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि कंपनी किसी ग्राहक को मिले खराब उत्पाद के लिए भुगतान करती है और खराब उत्पाद को मंगवाकर वापस मर्चेंट के पास भेजती है। यह काम कंपनी के कुछ चुनिंदा ग्राहक सेवा अधिकारियों द्वारा किया जाता है जिन्हें विशिष्ट आईडी व पासवर्ड दिए जाते हैं।
शिकायत के अनुसार 48 मामलों में पाया गया कि ग्राहकों को सामान की आपूर्ति हो गई। इसके बावजूद उन्हें रिफंड किया गया। यानी ग्राहकों को उनके ऑर्डर का सामान भी मिला और रिफंड भी। कंपनी को लगता है कि इसमें गड़बड़ है और जानबूझकर ऐसा कर कंपनी को नुकसान पहुंचाया गया है।