नई दिल्ली। डिजीटल वॉलेट कंपनी पेटीएम उपभोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का सिलसिला जारी है। नए मामले में 7 ग्राहकों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई इस मामले की जांच करेगी। मामला 3.21 लाख रुपए की धोखाधड़ी का है।
सीबीआई ने अपनी नई शिकायत में कंपनी द्वारा सूचीबद्ध किए गए सात ग्राहकों और पेटीएम के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सात ग्राहकों को नामजद कराने वाली कंपनी ने अपने किसी अधिकारी के नाम का उल्लेख नहीं किया है। हालांकि उसने यह जरूर कहा कि रीफंड करने के लिए उसके कर्मचारियों को विशेष लॉग इन आईडी और पासवर्ड दिए गए हैं। इससे यह पहचान करना आसान हो सकता है कि किसने रीफंड कार्रवाई को अंजाम दिया।
कंपनी के विधि प्रबंधक एम शिवकुमार ने कहा, 'खातों की नियमित जांच के दौरान शिकायतकर्ता कंपनी को ऐसे 37 मामले मिले, जिनमें ग्राहक के वॉलेट या बैंक खाते में धन वापसी की गई थी, जबकि उनकी ओर से किए गए ऑर्डर की आपूर्ति सफलतापूर्वक की जा चुकी थी। सीबीआई ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी के प्रावधानों के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
जिन ग्राहकों ने पेटीएम के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी की है, वे दिल्ली की लोधी कालोनी के अलावा मथुरा और भीलवाड़ा से हैं। हैरानी की बात यह है कि 'हॉटी किलर' और 'ब्रदर' जैसे नामों वाले इन ग्राहकों को सफलतापूर्वक सामान पहुंचाए जाने के बावजूद धन वापस किए जाने पर इस दिग्गज कंपनी के कंप्यूटरों में खतरे की कोई घंटी नहीं बजी। तथ्यात्मक बात यह है कि जिन मामलों में ऑर्डर की आपूर्ति सफलतापूर्वक हो जाती है और ग्राहक उससे संतुष्ट होते हैं, वहां रीफंड नहीं होने चाहिए।
हालांकि इन सभी 37 मामलों में, ऐसे ही ग्राहकों को 3.21 लाख रुपये वापस कर दिए गए'. कंपनी की ओर से मिली जानकारी दिखाती है कि मथुरा के 'हॉटी किलर' ने 31 मार्च और 6 अप्रैल के बीच सात दिन में छह चीजें खरीदीं। इनमें 45,688 रुपये का एप्पल आईफोन 6एस और 8705 रुपये का सैमसंग गैलेक्सी जे2 शामिल था। इन सभी मामलों में सुनील.बिश्टएटपेटीएम.डॉट कॉम की आईडी रखने वाले कर्मचारी ने रीफंड की कार्यवाही की।
शिकायत के अनुसार, इसी कर्मचारी ने 19 फरवरी से 3 अप्रैल 2016 के बीच पंकज चौधरी नामक ग्राहक के सात से ज्यादा ऑर्डर के रीफंड किए. इस ग्राहक का पता 'हॉटी किलर' के पते के समान ही था. लेकिन कंपनी ने अपने कार्यकारी की आईडी के बावजूद शिकायत में उसे नामजद नहीं कराया है और अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.
शिकायत में कहा गया कि इस शिकायत में बताए गए गलत रीफंड यूजर आईडी और पासवर्ड के इस्तेमाल, अवैध इस्तेमाल से किए गए. सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया, 'इसलिए या तो कर्मचारियों ने खुद या फिर उनसे जुड़े किसी व्यक्ति ने या कुछ अज्ञात लोगों ने गलत तरीके से लाभ लेने के साझा उद्देश्य के साथ संलिप्त ग्राहकों के साथ मिलकर धोखाधड़ी से ऑर्डर की राशि को रीफंड कर दिया'. सीबीआई ने कंपनी की ओर से लगाए गए ऐसे ही आरोपों पर हाल ही में एक नई प्राथमिकी दर्ज कर ली है.