नईदिल्ली। नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से जुबानी हमले लगातार जारी हैं. इस बीच उन्होंने मोदी और उनके मंत्रियों की तुलना 'अलीबाबा और 40 चोर' से कर दी है. साथ ही उन्होंने सरकार को फेसलेस और बैंकों को कैशलेस भी कहा है।
पार्टी दफ्तर से पार्टी नेताओं और मीडिया को किया संबोधित
ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के कोलकाता दफ्तर से पार्टी नेताओं को संबोधित किया. इसके बाद उन्होंने मीडिया से भी बात की. ममता इस बीच कई महीनों के बाद पार्टी दफ्तर पहुंची थीं.उन्होंने वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम की तुलना 'अलीबाबा और 40 चोर' के पात्रों से कर दी.
मोदी अलीबाबा, मंत्री चालीस चोर
उन्होंने प्रधानमंत्री पर आम लोगों को लूटने का आरोप लगाते हुए 'अलीबाबा' कहा. उन्होंने पीएम मोदी पर आरोप लगाए कि उनके करीबी लोगों ने नोटबंदी के ऐलान से पहले ही अपना पैसा बैंकों में जमा करा दिया था. नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए उन्होंने 'मोदी हटाओ-देश बचाओ' का नारा भी दिया. इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी पर तानाशाही के आरोप भी लगाए. साथ ही कहा कि मोदी सरकार के रहते देश के लोग सुरक्षित नहीं हैं.
ममता बनर्जी का दावा, हजारों मजदूर हुए बेरोजगार
ममता बनर्जी ने दावे किए हैं कि नोटबंदी की वजह से हजारों कारीगर और मजदूर बेरोजगार होकर अपने मूल स्थानों की ओर लौट गए हैं. ममता कहती हैं कि वह ऐसे सभी लोगों की सूची राष्ट्रपति के पास भेजेंगी. नोटबंदी के मुद्दे पर ममता ने अपनी पार्टी के 1,500 प्रतिनिधियों को अपनी इस रणनीति से भी अवगत कराया.
नोटबंदी का जायजा लेने के लिए मिदनापुर औरर बांकुरा का किया दौरा
ममता ने नोटबंदी से लोगों की स्थिति जानने के लिए हाल ही में मिदनापुर और बांकुरा का दौरा किया. उनके सर्वे के मुताबिक नोटबंदी की वजह से खेती और ट्रांसपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर ठप हुए हैं. ममता ने कैश कमी की वजह से पेंशनधारियों को हो रही भारी परेशानियों का भी हवाला दिय.
बैंकों को कैशलेस और सरकार को कहा फेसलेस
ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार के कैशलेस समाज के कॉन्सेप्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिना बैंकों वाले 92 फीसदी गांवों वाले देश में इसका हकीकत में बदलना नामुमकिन है. उन्होंने बैंकों को कैशलेस और केन्द्र सरकार को फेसलेस बताया.
नोटबंदी के खिलाफ अभियान छेड़ने का किया ऐलान
उन्होंने अंत में ऐलान किया कि वह पूरे बंगाल में 1 जनवरी से 8 जनवरी के बीच अभियान छेड़ेंगी. इसमें वह लोगों को 'मोदी के एजेंडे' से अवगत कराने का काम करेंगी. उन्होंने कहा कि लोगों से मिले फीडबैक के आधार पर राज्य सरकार लोगों की समस्याएं दूर करने के प्रयास करेगी.