अब पूरा किराया वसूलकर आधी सीट (RAC) थमाएगा रेल विभाग

नई दिल्ली। रेल को फायदे में लाने के लिए यात्रियों को तंग करने का सिलसिला शुरू हो गया है। वेटिंग वालों को कुछ समय बैठने के लिए आरएसी की व्यवस्था शुरू की गई थी। बाद में बर्थ कंफर्म हो जाती थी परंतु अब आरएसी को रेल मंत्रालय ने कमाई का जरिया बना लिया है। आप फुलबर्थ के लिए पैसा देंगे लेकिन प्रत्येक 9 में से 2 लोगों को आरएसी बर्थ मिलेगी और उन्हे पूरा सफर आधी बर्थ पर ही पूरा करना होगा। वो बाद में फुल कंफर्म नहीं होगी। 

अपने ताजा सर्कुलर में रेलवे ने आरएसी बर्थ की संख्या में बढ़ोतरी कर दी है, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है। रेलवे के इस फैसले से रेलवे के राजस्व में बढ़ोतरी तो हो जाएगी, लेकिन यात्रियों की परेशानी बढ़नी तय है। क्योंकि आरएसी बर्थ पर दिन में तो किसी तरह सफर किया जा सकता है, लेकिन रात के वक़्त जब आधी सीट पर सिकुड़ कर सोना आसान नहीं है।

यह बढ़ोतरी स्लीपर, थ्री-टायर और टू-टायर एसी श्रेणी के कोच में की गई है। सर्कुलर के मुताबिक अब स्लीपर क्लास के प्रत्येक कोच में साइड लोअर की 7 सीटें आरएसी के लिए आरक्षित की गई हैं। यानी इनपर कुल 14 यात्री सफर करेंगे। पहले इसमें 5 सीटें आरएसी के लिए थी, जिनपर 10 यात्री सफर करते थे। 

वहीं थ्री-टायर एसी क्लास के प्रत्येक कोच में आरएसी बर्थ की संख्या 4 कर दी गई है, जिनपर 8 यात्री सफर कर सकेंगे। पहले इसमें 2 सीटें आरएसी के लिए थी, जिनपर 4 यात्री सफर करते थे। इसी तरह टू-टायर एसी क्लास के प्रत्येक कोच में अब 3 बर्थ आरएसी के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिनपर 6 यात्री सफर कर सकेंगे। पहले इसमें 2 बर्थ थे, जिनपर 4 यात्री बैठकर सफर करते थे।

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