नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आज पुराने और निरर्थक हो चुके 105 पुराने कानूनों को खत्म करने की मंजूरी दी है। बुधवार को मंत्रिमंडल ने 105 पुराने अधिनियमों को हटाने के लिए निरस्त एवं संशोधन विधेयक-2017 संसद में पेश करने को मंजूरी दी। पुराने कानूनों की जांच के लिए पीएमओ ने दो सदस्य समिति गठित की थी, जिसके सुझाव मिलने पर कानूनों को हटाने की मंजूरी केबिनेट ने दी।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट के फैसले के बारे में बताया कि मोदी की अगुवाई में सरकार बनने के बाद मई, 2014 से अगस्त, 2016 के बीच 1,175 ऐसे पुराने कानूनों को हटाया जा चुका है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने ऐसे 1,824 केंद्रीय कानूनों की पहचान की थी, जिनका अब कोई उपयोग नहीं रह रहा और ये एकदम बेकार पड़ चुके हैं।
प्रसाद के मुताबिक, कानूनों की जांच के लिए गठित की गई समिति की सिफारिश और कई मंत्रालयों से हरी झंड़ी मिलने के बाद सरकार अब तक 1174 कानूनों को निरस्त कर चुकी है। केन्द्र सरकार ने 422 कानूनों को जांच के लिए विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों के पास भेजा था जिनमें से 105 को निरस्त करने के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों ने अपनी मंजूरी दे दी है। जिनको निरस्त करने के लिए आज कैबिनेट ने मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने बताया कि विभिन्न राज्य सरकारों से भी पुराने पड़ चुके 227 कानूनों को हटाने का अनुरोध किया है।