एक तरफ ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों का खून ज्यादा चूसती हैं और उन्हें तनख्वाह कम देती हैं। तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपने कर्मचारियों के साथ कंपनी के लाभ का हिस्सा दिल खोलकर बांटते हैं। सूरत, गुजरात के हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया भी इन्हीं में से शामिल हैं और अक्सर अपने कर्मचारियों के प्रति इनकी दयालुता के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं।
अब एक बार फिर से सावजी ने अपने कर्मचारियों की मेहनत को देखने के बाद उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए 1200 कारें गिफ्ट कीं। सावजी ने न्यू ईयर बोनस के रूप में अपने कर्मचारियों को यह तोहफा दिया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सावजी ने अपने कर्मचारियों को डैटसन कंपनी की रेडी-गो कारें तोहफे में दी हैं। इससे पहले भी वे दीवाली और नए साल पर अपने कर्मचारियों को भारी-भरकम तोहफे देने के कारण सुर्खियों में बने रहते थे। लगातार तीन सालों से इस प्रकार के काम करने वाले सावजी ने पिछले सप्ताह सूरत में मुरारी बापू के हाथों इन कारों का वितरण करवाया। इस दौरान मुरारी बापू ने सावजी की कंपनी हरि कृष्ण एक्सपोर्ट्स प्रा. लि. में एक बरगद का पेड़ भी लगाया।
गौरतलब है कि हरे कृष्णा एक्सपोर्ट्स के मालिक सावजी भाई ने 1260 कर्मचारियों को गाड़ी गिफ्ट में देकर 2013 में इस चलन की शुरुआत की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल नए साल के बोनस के रूप में उन्होंने कुल 1200 डैटसन रेडी-गो देने का ऐलान किया और डैटसन की ओर से एक दिन में ही 650 गाड़ियों को डिलीवरी कर दी गई।
हरे कृष्णा कंपनी के कर्मचारियों को गिफ्ट में दी गईं इन गाड़ियों में सभी को चारों ओर तिरंगे रंग से कवर किया गया है. हालांकि ढोलकिया ने सभी गाड़ियों को 5 साल के लोन पर खरीदा है, अगर कोई भी कर्मचारी इन 5 वर्षों में कंपनी को छोड़ता है तो कंपनी उसकी गाड़ी की ईएमआई देनी बंद कर देगी।
सावजी भाई के बारे में
सूरत और सौराष्ट्र में सावजी भाई धोलकिया को सवजीकाका के नाम से पुकारा जाता है. गुजरात के दुधाला गांव निवासी सावजी भाई 1977 में 12.50 रुपये लेकर अमरेली से सूरत आए थे। सूरत में सावजी भाई ने 1977 में बतौर हीराधीश अपनी जिंदगी की शुरुआत की थी और उस वक्त महीने में उन्हें 169 रुपये तनख्वाह मिलती थी. जिस कंपनी में वो काम करते थे अब उसी कंपनी के मालिक बन गए हैं. उनकी हीरा और टेक्सटाइल की इंडस्ट्रीज हैं और तकरीबन 5,500 से ज्यादा कर्मचारी यहां काम करते हैं।