शिक्षा विभाग: मप्र के 18 DEO बदलने की तैयारी

भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग में हायर सेकंडरी प्राचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) बनाने की प्रथा फिर शुरू हो रही है। अपनों को उपकृत करने खंडवा, बुरहानपुर, अशोकनगर, ग्वालियर सहित 18 जिलों में डीईओ का प्रभार बदलने की तैयारी है। नोटशीट विभाग की प्रभारी प्रमुख सचिव के पास पहुंच गई है। हालांकि उन्होंने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

विभाग को 51 डीईओ की जरूरत है। वर्तमान में उप संचालक के सभी 97 और सहायक संचालक के 97 में से 76 पद भरे हुए हैं। फिर भी हायर सेकंडरी प्राचार्यों को डीईओ बनाने की कोशिशें चल पड़ी हैं। सूत्र बताते हैं कि मंत्री कार्यालय से यह नोटशीट शासन को भेज दी गई है। सहमति बनी तो सिलसिलेवार 18 जिलों में डीईओ बदल जाएंगे। खंडवा और बुरहानपुर से इसकी शुरुआत भी हो गई है। दोनों डीईओ को हाल ही में हटाया गया है।

उप संचालक बनते हैं डीईओ 
डीईओ और उप संचालक का पद प्रथम श्रेणी है। इसलिए उन्हें ही डीईओ बनाया जा सकता है। जहां उप संचालक न हो, वहां सहायक संचालक को प्रभार दिया जा सकता है, लेकिन हायर सेकंडरी प्राचार्य को प्रभार देना गलत है। क्योंकि वह द्वितीय श्रेणी का पद है।

2012 तक थी यह प्रथा 
हायर सेकेंडरी प्राचार्य को डीईओ बनाने की प्रथा वर्ष 2012 तक चली। क्योंकि उप संचालक के पद खाली थे। वर्ष 2013 में सहायक संचालकों को पदोन्नति देकर उप संचालक के सभी पद भर दिए गए और अगले एक साल में प्रभार के सभी डीईओ को हटाकर स्थाई पोस्टिंग की गई।

डाइट में बैठे हैं उप संचालक 
हालात ऐसे भी हैं कि डीईओ के पद खाली न होने के कारण करीब एक दर्जन उप संचालकों को डेपुटेशन पर राज्य शिक्षा केंद्र जाना पड़ा। इन्हें डाइट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) में प्राचार्य बनाकर बैठाया गया है। शिक्षाविद् बताते हैं कि डाइट प्राचार्य राज्य शिक्षा कैडर का पद है। ऐसे में राज्य शिक्षा केंद्र को अपने अफसरों को पदोन्नति देकर बैठाना चाहिए।

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