
पिछले माह इसका खुलासा होने के बाद से पुलिस जांच में जुटी है। दलालों के जरिए इन लड़कियों को घरेलू नौकरानी के तौर पर लाया जाता था और एजेंसियों को सौंप दिया जाता था। जबकि इन एजेंसियों के पास कोई आधिकारिक लाइसेंस नहीं था। पुलिस सत्यापन भी नहीं कराया जाता था।
ऐसे खुला मामला
पश्चिम बंगाल निवासी 16 वर्षीय लूसी (बदला हुआ नाम) को पिछले माह उसके नियोक्ता ने वेतन मांगने पर बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया। किसी तरह से पीड़िता ने महिला आयोग से संपर्क साधा और 19 दिसंबर को मामला पुलिस के सामने आया। इसके बाद 25 दिसंबर को पुलिस ने 38 वर्षीय मरियम नाम की महिला को गिरफ्तार किया जिसने लूसी को मुखर्जी नगर स्थित व्यवसायी अतुल लोहिया के घर भेजा था।
मरियम अपनी बहन पायल के साथ पश्चिम दिल्ली के बलजीत नगर में अपनी प्लेसमेंट एजेंसी चलाती है। जब पुलिस ने इनके दफ्तर पर छापा मारा तो करीब 203 लड़कियों की तस्वीरें और फर्जी पतों वाला एक रजिस्टर और फर्जी फॉर्म मिले। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, मरियम ने बताया कि इन लड़कियों के बारे में उसे खुद भी नहीं पता। वह इनको एक हाथ से दूसरे हाथ और फिर इसके आगे भेज देते थे और ब्लैकमेल करती थी।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, हम दिल्ली सरकार से विधेयक लाने की मांग कर रहे हैं। ताकि प्लेसमेंट एजेंसियों की आड़ में मानव तस्करी के गोरखधंधे पर नकेल कसी जा सके। दिल्ली पुलिस से ऐसे मामलों में सख्ती की मांग की गई है।
यदि कुछ गलत लगे तो...
100 नंबर या महिला हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना देकर कार्रवाई करा सकते हैं।
महिला आयोग की हेल्पलाइन 181 पर भी मामले की पूरी सूचना दी जा सकती है।
लिखित या मौखिक में भी महिला आयोग के दफ्तर में शिकायत की जा सकती है।
स्थानीय पुलिस से भी संपर्क किया जा सकता है।
सजग रहें
घरेलू नौकरानी का पुलिस से सत्यापन अनिवार्य तौर पर कराएं।
प्लेसमेंट एजेंसी की सत्यता जांच लें। यह आपकी सुरक्षा का भी विषय है।