नईदिल्ली। यदि किसी देश में डॉलर का मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है तो तय है कि महंगाई भी बढ़ेगी और यदि इस दवाब में आकर सरकार बड़ी मुद्राएं जारी करने लगे तो समझ लीजिए कि उस देश की आर्थिक बर्बादी नजदीक आ रही है। वेनेजुएला ने हाल ही में 20000 का नया नोट जारी किया है। कुछ दिनों पहले भारत ने भी 2000 का नया नोट जारी किया था।
वेनेजुएला के प्रेसिडेंट निकोलस मादुरो ने पिछले महीने 100 बोलिवर के नोट बंद करने का एलान किया था। देश की टोटल करंसी का 77% हिस्सा 100 बोलिवर के नोट में था। उस वक्त तक सरकार नई करंसी तैयार नहीं करा पाई थी। लिहाजा, काफी हिंसा हुई और 7 लोगों की मौत हो गई थी। सरकार का कहना है कि देश में महंगाई दर (inflation rate) तीन अंकों में पहुंच गई है। इसके अलावा कालाबाजारी भी बेकाबू हो रही थी। इसलिए बड़े नोट लाना जरूरी थी। दिसंबर के दूसरे हफ्ते में यहां महंगाई दर 180 अंकों तक पहुंच गई थी।
सरकार के सामने एक बड़ा खतरा फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व का भी था। ये खत्म हो रहा था और इसकी वजह से देश में फूड प्रोडक्ट्स की कमी हो रही थी। वेनेजुएला में सरकार को फूड इम्पोर्ट पर काफी पैसा खर्च करना पड़ता है।
मादुरो के लिए नई दिक्कत ये है कि 20 हजार के नए बोलिवर नोट की ब्लैक मार्केट में कीमत महज 6 अमेरिकी डॉलर है और ये वहां आसानी से मिल रहे हैं। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ वेनेजुएला सरकार को पहले ही वॉर्निंग जारी कर चुका है कि देश में महंगाई दर चार चार अंकों में पहुंच सकती है। सरकार ने नोट एक्सचेंज के लिए कोलंबियाई बॉर्डर पर चार एक्सचेंज सेंटर खोले हैं।