नोटबंदी के कारण महंगी हो गई शक्कर की मिठास, 22 थी 45 हो गई

Bhopal Samachar
भोपाल। नोटबंदी का असर शकर पर भी दिखने लगा है। पिछले 15 दिन में शकर के दाम पांच रुपए बढ़ गए हैं। दरअसल, स्टॉक लिमिट तय नहीं होने के कारण नोटबंदी के दौरान बड़े व्यापारियों ने शकर का स्टॉक कर लिया है। अब तेजी से इसके रेट बढ़ा रहे हैं।

जो शकर 15 दिन पहले 39 से 40 रुपए किलो में बिक रही थी, अब 45 रुपए प्रति किलो पर बेची जा रही है। महाराष्ट्र लाइन के टेंडर 3850 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बोले जा रहे हैं। अगर भोपाल तक आने का भाड़ा 250 रुपए प्रति क्विंटल जोड़ लिया जाए तो यह शकर भोपाल में 4100 रुपए प्रति क्विंटल पड़ती है और फुटकर में 45 रुपए प्रति किलो में मिल रही है। केंद्र में मोदी सरकार के गठन के दौरान 26 मई 2014 को शकर 22 से 23 रुपए किलो थी, जो अब बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है।

बाजार में जमाखोर सक्रिय
बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों से शकर के बाजार में जमाखोर हावी हो गए हैं। शकर में स्टाक की सीमा नहीं होने का फायदा उठाकर स्टाकिस्ट अपनी मर्जी से तेजी को हवा दे रहे हैं। बाजार में गन्नो का उत्पादन कम होने की अफवाह भी है। ऐसे में आगामी दिनों में शकर में तेजी सूचक वातावरण दिखाई दे रहा है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार वायदा बाजार में शकर की एंट्री, स्टाक लिमिट का समाप्त होना और शकर का निर्यात तेजी के प्रमुख कारण हैं।
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और तेजी की संभावना
वायदा बाजार में शकर में तेजी के सर्किट लग गए हैं जिसके चलते शकर की कीमतों में तेजी आई है। आगामी दिनों में भी शकर में और तेजी की संभावना बनी हुई है।
अनुपम अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता, मप्र शकर व्यापारी महासंघ, भोपाल
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फिलहाल तेजी का माहौल
पिछले एक पखवाड़े में शकर में तेजी का माहौल बना हुआ है। बाजार में शकर थोक में 3 रुपए किलो तक तेज हो गई है। फुटकर में इसके रेट और ज्यादा बने हुए हैं।
सुभाष बाधवानी, शकर कारोबारी

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