शिवानन्द द्विवेदी/रीवा। रीवा के गंगेव जनपद स्थित कैथा पंचायत में तथाकथित क्षतिग्रस्त बताये जा रहे पंचायत भवन में न तो ग्राम सभा की मीटिंग ही रखी गयी और न ही 26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस पर तिरंगा झंडा ही फहराया गया। इस बात को लेकर ग्रामीण जनमानस में काफी आक्रोश व्याप्त था। मौका देखकर ग्रामीणों ने तो घटना का मौका पंचनामा भी बना डाला और कलेक्टर रीवा के नाम ज्ञापन पत्रक भी तैयार कर दिया।
जिसमे गणतंत्र दिवस जैसे विशेष मौके पर पंचायत भवन कैथा में झंडा न फहराने के लिए सम्बंधित कैथा सरपंच संत कुमार पटेल और सचिव अच्छेलाल पटेल के विरुद्ध कार्यवाही की भी माग की है। गणतंत्र दिवस के मौके पर कैथा पंचायत भवन परिसर में तिरंगा झंडा न फहराए जाने के विरोध में हस्ताक्षर करने वालों में कैथा ग्राम निवासी एवं पूर्व सरपंच प्रत्याशी श्री बुद्धसेन पटेल, श्री शैलेन्द्र पटेल, श्री उग्रभान पटेल, श्री यज्ञभान पटेल, श्री संतोष केवट आदि सभी निवासी ग्राम पंचायत कैथा हैं जिन्होंने तिरंगे झंडे के अपमान और पंचायत के अपमान पर वर्तमान पंचायत को भंग कर वैकल्पिक व्यवस्था की माग की है।
निश्चित तौर पर यदि देखा जाय तो गणतंत्र दिवस का भारतीय इतिहास में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. अंग्रेजों से वर्तमान समय में स्वतंत्रता प्राप्ति उपरांत 26 जनवरी वर्ष 1950 को जो भारतीय संविधान लिखा गया उसमे टुकड़ों में विभाजित भारतीय गणराज्य को एक कर नियम कायदों में बाँध कुछ विशेष राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह बनाये गए जो समय समय पर पूरे राष्ट्र को एक करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देते आये हैं. पर यह भी देखना होगा की कुछ आपस की फूट और क्षेत्रीय राजनीति के वसीभूत होकर यह तथाकथित जन प्रतिनिधि अथवा संवंधित शासकीय पदों पर बैठे कर्मचारी भारतीय गंणतंत्र को क्षत-विक्षत करने का प्रयास कर रहे हैं अतः आज आवश्यकता हैं की शासन-प्रशासन इन मुद्दों पर सख्ती बरते और दोषिओं को कठोर दंड दे.