बालाघाट। एक 52 वर्षीय अधेड़ ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। इसके बाद 2 दिन तक वो पत्नी की लाश के पास बैठकर आंसू बहाता रहा। सबको बताया कि बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई है। अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली। बस चिता को अग्नि देने ही वाला था कि पुलिस आ गई। गांव की कुछ महिलाओं की जागरुकता ने हत्याकांड पर से पर्दा उठा दिया।
बिरसा थाना प्रभारी संजय चौकसे के मुताबिक, बालाघाट जिले के चरचेड़ी के बिरसा गांव में सुधराम (52) ने पारिवारिक कलह के चलते पत्नी हीराबाई (48) की बांस छीलने वाली काती से हत्या कर दी थी। मामला 20-21 जनवरी की रात का है। अगले दिन आरोपी ने हैदराबाद में काम पर गए अपने बेटे को बताया कि, उसकी मां की अचानक मौत हो गई है। बेटा फौरन गांव के लिए निकल पड़ा। 22 तारीख को अारोपी ने पत्नी के अंतिम संस्कार की तैयारी की।
गांव से अर्थी निकलने के बाद उसे जलाने की तैयारी की जा रही थी, तभी महिलाओं की नजर लाश पर पड़ी। हीराबाई की कमर में घाव था, जो काती मारने से हुआ था। गांववालों ने चुपचाप डायल 100 को इसकी जानकारी दी। इससे पहले कि महिला का अंतिम संस्कार हो पाता, पुलिस मौके पर जा पहुंची। पुलिस के पूछने पर पहले तो सुधराम कहानियां गढ़ता रहा, लेकिन बाद में अपना जुर्म कबूल कर लिया।
सुधराम के मुताबिक, उसने 20-21 जनवरी की रात को झगड़े के बाद पत्नी की हत्या कर दी थी। अगले दिन उसने गांववालों को बताया कि उसकी पत्नी की बीमारी के कारण मौत हो गई। गांववालों ने महिला की अर्थी सजाई गई। उसे लेकर श्मशान घाट पहुंचे, लेकिन इससे पहले कि लाश चिता पर रखी जाती, पुलिस वहां आ पहुंची। हालांकि बाद में पोस्टमार्टम के बाद हैदराबाद में काम करने वाले उसके बेटे को बुलाया गया और फिर अंतिम संस्कार हुआ।
थाना प्रभारी संजय चौकसे के मुताबिक, अगर 15 मिनट भी देरी से पुलिस श्मशान पहुंचती, तो आरोपी अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार कर चुका होता। चूंकि इस मामले में किसी ने कोई शिकायत नहीं की थी, लिहाजा एक मर्डर दबकर रह जाता।