
मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस श्रीमती अंजुली पालो की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता विवेक सिंह की ओर से अधिवक्ता आरके त्रिपाठी ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि रायपुर-सीतापुर-पन्नी मार्ग की मौजूदा हालत देखकर कोई भी सहज अंदाजा लगा सकता है कि कई वर्षों से उस पर कोई काम नहीं हुआ। इसके बावजूद ठेकेदार को दो बार भुगतान किया जा चुका है। यह एक बड़ा घोटाला है, जिसकी जांच होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में रिलीफ के बिन्दु सुधारकर नए सिरे से मांग पर बल दिया।