रायपुर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम को आदिवासी गांव में ले जाकर पुलिसकर्मियों द्वारा 16 महिलाओं के रेप वाले मामले का खुलासा करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया के यहां 30 हथियारबंद बदमाश घुस गए और उन्हे 24 घंटे के भीतर बस्तर छोड़ने की धमकी दी। ऐसा ना करने पर बेला का घर जला देने का ऐलान किया गया है।
सोशल एक्टिविस्ट बेला भाटिया का आवास छत्तीसगढ़ के पारपा में स्थित है। हथियारबंद लोगों ने उनपर माओवादियों के प्रति सहानुभूति रखने का आरोप लगाया है। माना जा रहा है कि धमकी इसलिए दी गई क्योंकि दिसंबर 2015 में भाटिया राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम के साथ उस आदिवासी गांव में पहुंचीं थीं, जहां सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं के साथ कथित तौर पर बलात्कार की घटनाएं हुई थीं। अपनी अंतरिम रिपोर्ट में एनएचआरसी ने पाया कि सुरक्षा बलों ने 16 महिलाओं के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया। आयोग ने इस बारे में छत्तीसगढ़ सरकार से रिपोर्ट मांगी है और साथ ही अपराधियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने को कहा है।
यह था मामला
नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक प्रदर्शनकारी बाइक और एसयूवी में आए थे और भाटिया के मकान मालिक और उनके बेटे से घर खाली कराने को कहा। उन्होंने धमकी दी कि अगर एेसा नहीं हुआ तो वह घर को आग लगा देंगे। मकान मालिक ने बताया कि भाटिया कुछ दिनों में घर खाली करने को राजी हो गई है, लेकिन वह उसे 24 घंटे में घर बस्तर छोड़ने को नहीं कह सकते। भाटिया ने जब इस बारे में पुलिस को बताया तो गांव में पुलिस तैनात कर दी गई। बस्तर के एसपी आरएन दाश ने जग्दालपुर में बताया कि गांव का एक समूह भाटिया के घर के बाहर जमा हुआ और उन्हें माओवादियों का समर्थक बताया। दाश ने बताया कि गांव में पुलिसबल तैनात कर दिया गया और स्थिति अब काबू में है।
सोमवार शाम को राज्य पुलिस ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि भाटिया को पर्याप्त सुरक्षा दी गई है। उन्होंने कहा कि जब यह घटना हुई तब एक नक्सल विरोधी सतर्कता समूह के सदस्य ने एक वॉट्सएेप मैसेज भेजा कि एक्टिविस्ट बेला भाटिया के घर के बाहर कुछ गांववाले जमा हो गए हैं और उन्हें गांव से बाहर जाने को कह रहे हैं।