जब पाँच राज्यों के चुनावों की घोषणा हुई उस समय शनिदेव वृश्चिक राशि में थे तथा जब वोट डाले जायेंगे और परिणाम आयेगा उस समय शनि धनु राशि में होंगे। इस समयावधि में गुरु महाराज भी शनि की दृष्टि में रहेंगे। इसलिये चुनाव परिणाम में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
गोआ को छोड़कर सभी राज्य (उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब) उत्तर दिशा तथा मणिपुर उत्तरपूर्व में है। गुरु ग्रह पर शनि की दृष्टि होने से ऐसा लगता है की इन राज्यों की सरकार बनने में राष्ट्रपति, राज्यपाल या केन्द्र सरकार की भूमिका रहेगी। ऐसा तभी सम्भव है जब यहाँ स्पष्ट बहुमत न आये।
शनि ग्रह की दृष्टि कानून का राज्य, राष्ट्रपति शासन, राज्यपाल के प्रभाव का संकेत है।
बड़े प्रतिष्ठित राज़नीतिज्ञों पर कड़ी कानूनी कार्यवाही का योग।
अध्यादेश लाकर राम मंदिर के निर्माण की घोषणा भी हो सकती है।
आम बजट में वित्तीय पाबंदियों का जोर रहेगा।
पंडित चंद्रशेखर नेमा "हिमांशु
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