भोपाल। नगरीय निकायों में जल-प्रदाय योजना के लिए भारत सरकार को यूआईडी एसएसएमटी योजना में वित्तीय गड़बड़ी करने पर देवास जिले की सतवास नगर-पालिका के तत्कालीन चार मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्यवाही आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास श्री विवेक अग्रवाल ने जाँच रिपोर्ट में आरोप सिद्ध होने पर की।
नगर परिषद सतवास, जिला देवास को भारत सरकार की यूआईडीएसएसएमटी योजना में जलप्रदाय परियोजना के लिए 6 करोड़ 28 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी। इसमें से 2 करोड़ 97 लाख की राशि अन्य कार्यों में अनाधिकृत रूप से खर्च कर दी गई। लेखा नियमों तथा योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों का उल्लंघन करने पर चार प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारियों श्री अनवर गौरी, श्री सतीश घावरी, श्री मकसूद अली तथा श्री हरिवल्लभ शर्मा को सेवा से पदच्युत कर दिया गया है।
वर्ष 2012 से 2016 के दौरान नगर परिषद सतवास, जिला देवास को जल-प्रदाय योजना में दी गई राशि का उपयोग अन्य कार्यों में किया गया इसकी जानकारी समीक्षा के दौरान संज्ञान में आई। अन्य मदों में राशि व्यय होने के कारण योजना पूरी नहीं हो सकी थी। यह तथ्य सामने आने पर आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा चारों प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को 06 जनवरी, 2017 को निलंबित किया गया था और विभागीय जाँच के आदेश दिए थे।
विभागीय जाँच में चारों प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारियों ने जवाब में यह स्वीकार किया कि उनके द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिका लेखा नियम, 1971 तथा यूआईडीएसएसएमटी योजना के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए राशि को अन्य कार्यों में बिना प्राक्रिया का पालन करते हुए व्यय किया गया है। विभागीय जाँच अधिकारी अपर आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री विकास मिश्रा ने की थी।