मप्र: पुलिस ने 4 महिलाओं का रेप किया, लड़कियों से गंदी हरकतें कीं, लूटपाट, फायरिंग

Bhopal Samachar
भोपाल। गंधवानी विधायक उमंग सिंघार के अनुसार धार जिले के टाण थाना क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 1000 जनसंख्या वाले भुतिया व होलीबयड़ा गांव में पुलिस द्वारा दबिश के दौरान चंद अपराधियों को पकड़ने के नाम पर आदिवासियों के घरों में घुसकर उनके साथ बेरहमी के साथ मारपीट की, जबकि पूरा गांव अपराधी नहीं है। 25 से 30 अपराधियों की वजह से गांव की चार महिलाओं के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा दुष्कर्म किया गया। पुलिस ने आदिवासियों को आतंकित करने के लिए गांव में गोलियां चलाई व आंसू गैस के गोले भी छोड़े। जिससे घबराये आदिवासी पुरूष पहाड़ी पर भागने पर मजबूर हो गये। पुलिस द्वारा आदिवासियों के घरों में घुसकर घरेलू सामान को तहस-नहस कर दिया। घरों में रखी नगदी लूट ली। हालात तो यहां तक हो गये कि गांव के सरपंच श्री अनारे की पत्नी सहित तीन आदिवासी महिलाओं के साथ पुलिस वालों ने दुष्कर्म कर डाला एवं वहीं गांव की कुछ किशोरी व महिलाओं के साथ पुलिस वालों ने अश्लील हरकतें भी कीं। 

जिन महिलाओं ने पुलिस का प्रतिकार किया उनके मकानों में भारी तोड़तोड़ की गई। उनके खाने-पीने के बर्तनों को नेस्तनाबूत कर बर्बर कार्यवाही की गई। पुलिस का यह कहना है कि हम लूट, चोरी, नकबजनी करने वाले आरोपियों को पकड़ने के लियें गांव में गये थे। जिसमें हास्यास्पद बात यह है कि पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए भारी पुलिस बल लेकर गयी थी और सूची आरोपियों की जारी की गई। उसमें से पूर्व से ही चार आरोपी जेल में है तथा 01 आरोपी की मृत्यु हो चुकी है। जिन 10 मोटर साईकिल की जप्ती, चोरी की मोटर साईकिल की बताई हैं वह मोटर साईकिल गांव के ही आदिवासियों के नाम आटीओ में फर्स्ट पार्टी रजिस्टर्ड है। जिन दो ट्रेक्टरों की जप्ती चोरी की आशंका की गई है। दो ट्रेक्टर में से एक गांव के ही आदिवासी के नाम पर है एवं दूसरा ट्रेक्टर प्रवीण पिता रामलाल निवासी रिंगनोद के नाम से है, जो सोयाबीन के लिये चमरीया पिता मदन किराये से लाया था। इस ट्रेक्टर में पुलिस वाले गांव के आदिवासियों का लूटा हुआ माल भर कर ले गये। 

कुछ पुलिस के जवानों ने टाण्डा में जाकर लूटे हुये रूपयों को आपस में बांटा। कुछ पुलिस के जवानों ने गेहूं के खेत में बियर पी व हुड़दंग मचाते हुये रोड़ के किनारे बीयर की बाटले फोड़ी। कुछ घरों में संधारी की गई मक्का की कोठियों (कणगी) को ढोलकर फसल में छिड़कने वाली जहरीली दबाई मिलाकर चले गये। हास्यास्पद बात यह है कि घटना के दो दिन बाद पीडि़त महिला के सरपंच पति को भी पुलिस ने नहीं बख्शा, उसके ऊपर भी झूठा प्रकरण दर्ज कर दिया गया। 

गंधवानी विधायक श्री उमंग सिंघार ने कहा कि जब मैं दुष्कर्म पीडि़त महिलाओं को लेकर मेडिकल कराने जिला चिकित्सालय धार पहुंचा तब डाक्टरों की पेनल से मेडिकल कराने की मांग की, जिसे पुलिस अधीक्षक धार के दबाव में जिला एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने डाक्टरों की पैनल के स्थान पर केवल एक डाक्टर से ही उनका मेडिकल करवाया। यह सभी विवाहित महिलायें हैं। जिन पर दुष्कर्म प्रमाणित नहीं करना चिकित्सक द्वारा प्रमाणित किया गया है, जबकि महिलाओं ने स्वयं पुलिस में यह बयान दिया है कि हमारे साथ पुलिस वालों ने दुष्कर्म किया है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा यह कहा गया है कि यदि महिलायें अपने ऊपर बलात्कार होने की बात करती हैं तो पुलिस को तत्काल एफआईआर दर्जकर आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिऐ।

यह बडे़ दुर्भाग्य की बात है कि आज दिनांक तक धार जिले के पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधीश द्वारा घटना स्थल का मुआयना नहीं किया गया। जिससे स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है कि प्रशासन आदिवासियों पर हुये इस निर्मम अत्याचार पर गंभीर नहीं है और अपराधियों पर कार्यवाही करने के प्रति उदासीन है। क्योंकि अपराधी पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी है। 

हमारी मांग है कि :- 
पीडि़त आदिवासियों की तत्काल एफआईआर दर्ज की जावे।
तत्काल इन आदिवासियों पर हुये अत्याचार के गंभीर विषय पर संज्ञान लेकर एक उच्च न्यायिक जांच कमेटी सरकार संस्थापित करें।
जिले के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक का तत्काल स्थानांतरण करें। 
इस पूरी कार्यवाही में लिप्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायसिंह नरवरिया, श्री अजयसिंह को अपने कर्तव्यों  में लापरवाही बरतने हेतु तत्काल निलंबित किया जावे।
जिन आदिवासियों के घरों में तोड़फोड़ की गई है, उनके घरों के सामान को नेस्तोनाबूत किया व जो धन राशि व चांदी के जेवर लूटे गये हैं, उसका मुआवजा तत्काल राज्य शासन द्वारा दिलाया जावे। 

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