NAI DELHI | भारत को परमाणु हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान भारत की अग्नि-5 मिसाइल से घबरा गया है। हथियारों की होड़ में अपनी अर्थव्यवस्था चौपट कर देने वाले देश ने MTCR से शिकायत की है कि वो भारत को इस तरह की गतिविधियों पर विराम लगाने के लिए कहे और पाबंद करे कि वो परमाणु या मिसाइल हमला नहीं करेगा। मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (MTCR) में कुल 35 देश सदस्य हैं। जो खतरनाक मिसाइल टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर को रोकने का काम करता है। भारत इस ग्रुप का हाल ही में हिस्सा बना है।
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पाक सरकार ने MTCR से कहा है कि भारत के मिसाइल टेस्ट से हम काफी फिक्रमंद हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी तस्नीम असलम ने कोरिया में MTCR की मीटिंग के दौरान यह बात कही। तस्नीम ने MTCR के चेयरमैन हाम सांग-वूक से इस बारे में बातचीत की।
पाकिस्तान ने कहा कि भारत के मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम्स और इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों के चलते रीजनल पीस अौर स्टैबिलिटी के सामने खतरा पैदा हो गया। हम साउथ एशिया में हथियारों की दौड़ में शामिल नहीं होना चाहते लेकिन साउथ एशिया में स्ट्रैटजिक रिस्ट्रेन्ट रेजीम (सब्र रखने का करार) कायम हो ताकि कोई भी देश किसी पर एटमी या मिसाइल हमला ना करे।
दूसरे देशों को भी मिले मिसाइल टेक्नोलॉजी
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम मास-डिस्ट्रक्शन के हथियारों के प्रसार (प्रोलिफरेशन) को रोकने के लिए दुनियाभर में हो रही कोशिशों में अपना योगदान दे रहे हैं। पाकिस्तान ने MTCR से कहा कि हर तरह के खतरे को काम करने के लिए मजबूत कंट्रोल सिस्टम बनाना जरूरी है। इसे इस तरह काम करना चाहिए ताकि डेवलपिंग देशाें को भी मिसाइल टेक्नोलॉजी का एक्सेस मिल सके। तस्नीम ने डेलिगेशन से कहा, ''पाकिस्तान का एक्सपोर्ट कंट्रोल बेस्ट रेजीम इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के मुताबिक ही काम करता है।
क्यों घबराया पाक?
भारत ने हाल ही में अग्नि-4 और अग्नि-5 का टेस्ट किया है। अग्नि-4 की रेंज 4 हजार किमी है। पहले रेंज 3500 तक थी। अग्नि-4 भी एटमी हथियार ले जाने में कैपेबल है। इससे पहले 5 हजार किमी रेंज वाली अग्नि-5 का चौथा टेस्ट कामयाब रहा था। दूसरे और तीसरे टेस्ट से यह बात साबित हुई थी कि अग्नि-5 20 मिनट में टारगेट को हिट कर सकती है। बता दें कि भारत इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) बनाने वाला पांचवां देश है। अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन हमसे पहले इस तरह की मिसाइल डेवलप कर चुके हैं। चीन के स्टेट मीडिया ने कहा- अगर भारत ने ज्यादा इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल बनाईं तो चीन पाकिस्तान को भारत की बराबरी पर लाने में मदद करेगा।
अग्नि-5 की जद में आधी दुनिया
अमेरिका को छोड़कर पूरा एशिया, अफ्रीका और यूरोप भारत के दायरे में होगा। भारत की इस सबसे ताकतवर मिसाइल की रेंज में पूरा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, ईरान और करीब आधा यूरोप आता है। अग्नि-5 चीन, रूस, मलेशिया, इंडोनशिया और फिलीपींस तक टारगेट पर निशाना लगा सकती है।
क्या है MTCR?
मोदी जब बीते साल जून में अमेरिका गए थे, तब भारत इस रेजीम का हिस्सा बना था। इस ग्रुप को जी-7 देशों ने 1987 में शुरू किया था। इसका मकसद बैलिस्टिक मिसाइल और दूसरे अनमैन्ड सिस्टम के सर्कुलेशन की लिमिट तय करना है। शुरुआत में इसमें G-7 देश अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, जापान, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल थे। फिर रूस, साउथ कोरिया, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क समेत 34 मेंबर आए। भारत इसका 35वां मेंबर है। चीन MTCR का मेंबर नहीं है, लेकिन उसने इसकी गाइडलाइन मानने पर रजामंदी जताई है। भारत को इस ग्रुप में शामिल होने से दुनिया की बेहतरीन टेक्नोलॉजी हासिल करने के लिए एक्सेस मिल गया है। इसके चलते भारत दूसरे देशों को अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी दे सकेगा। इसी ग्रुप में एंट्री के बाद भारत अमेरिका से प्रिडेटर ड्रोन्स खरीदने का फैसला कर पाया।