NEW DELHI | अफवाहें मोदी सरकार का अभिन्न अंग बन गईं हैं। सैंकड़ों अफवाहों की लिस्ट में एक प्रसंग यह भी जोड़ लीजिए। झारखंड में जमशेदपुर के आदित्यपुर में किसी ने अफवाह उड़ा दी कि जो लोग सबसे पहले फार्म जमा करेंगे उन्हे मुफ्त में मकान मिलेंगे। बस फिर क्या था करीब 50 हजार लोग जमा हो गए। भदगड़ मच गई। दर्जनों लोग घायल हो गए। आवास योजना का फार्म 1 रुपए से शुरू हुआ तो 500 रुपए तक बिका। बाद में पब्लिक को असलियत पता चली तो उन्होंने आवास बोर्ड का आॅफिस घेर लिया। कर्मचारी बंधक बन गए। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। सबकुछ एक अफवाह के कारण।
आदित्यपुर (सरायकेला-खरसावां जिला) स्थित झारखंड आवास बोर्ड के कार्यालय के बाहर सुबह 5 बजे से ही लोग जुटने लगे थे। दोपहर तक 50 हजार से ज्यादा लोग एकत्र हो गए। इससे दो किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। लोगों को सूचना मिली थी कि जो पहले फॉर्म जमा करेगा, उसे मुफ्त में मकान मिलेगा। फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर थी। जिसे 7 जनवरी किया गया था।
बोर्ड ने कहा कि वह सिर्फ बेघर लोगों का सर्वे करा रहा है। पहले फॉर्म जमा करने से किसी को आवास नहीं मिलेगा। बोर्ड के बयान से गुस्साएं लोगों ने अफसरों-कर्मियों को बंधक बना लिया। उन्हें मुक्त कराने को पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। मुफ्त घर की चाह में पहुंचे लोगों की मजबूरी का फायदा दलालों ने उठाया। उन्होंने एक रुपये का फॉर्म 50 रुपये में बेचा। साथ ही फॉर्म जमा कराने के नाम पर 200 से 500 रुपये वसूले।