गोरखपुर। उत्तरप्रदेश चुनावों से ठीक पहले सोशल मीडिया पर जो कुछ चल रहा है, वह भाजपा के लिए ठीक नहीं है। खबर है कि हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) प्रदेश की 64 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि योगी आदित्यनाथ ने इसका खंडन किया है। बता दें कि हिंदू युवा वाहिनी एक स्वतंत्र संगठन है। इसका भाजपा से कोई रिश्ता नहीं है लेकिन इसके संस्थापक योगी आदित्यनाथ भाजपा से सांसद हैं।
इससे पहले हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) की गोरखपुर के तारामंडल के पास बैठक में पूर्वांचल की कई सीटों से अपना उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है। छह प्रत्याशियों के नाम तय हो गए हैं। चुनाव लड़ने के फैसले के बाबत प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि भाजपा ने हमारे संरक्षक और गोरक्षपीठाधीश्वर एवं सांसद योगी आदित्यनाथ का जो अपमान किया है, उसका बदला लेना हमारा मकसद है।
उनके मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हमने हर मंच से यह कहा कि आप सिर्फ सांसद नहीं कैबिनेट मंत्री चुन रहे हैं। भाजपा की सरकार प्रचंड बहुमत से आई, पर योगी आदित्यनाथ को मंत्री नहीं बनाया गया। तीन बार के विस्तार में भी उनको उचित स्थान नहीं दिया गया।
इसके बाद भाजपा नेतृत्व ने आश्वासन दिया कि 2017 के विधानसभा चुनावों में उनको पार्टी का चेहरा और मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा, पर परिवर्तन यात्रा के लिए जो पोस्टर जारी हुए उनमें भी वे नहीं थे। केंद्रीय चुनाव समिति में भी उनको नहीं शामिल किया गया।
अनुशासन तोड़ने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई: योगी
संगठन के संरक्षक और गोरक्षपीठाधीश्वर एवं सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इनकी घोषणा और बातों से मेरा कोई ताल्लुक नहीं। इसके पीछे संगठन नहीं सिर्फ चंद लोग हैं। इनसे पहले भी बात हो चुकी है। इसके बाद भी अगर संबंधित लोग ऐसा कर रहे हैं तो ये घोर अनुशासनहीनता होगी। लिहाजा संबंधित लोगों के खिलाफ उसी अनुसार कार्रवाई होगी।
सोशल मीडिया पर छायी थी बगावत की चर्चा
हिंदू युवा वाहिनी के बगावती तेवर की चर्चा सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से चल रही थी। पिछले दिनों संगठन की बैठक भी हुई थी। बाद में वाहिनी के एक प्रतिनिधि मंडल ने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी। साथ ही बयान जारी कर कहा था कि कोई बात नहीं है। हम लोगों की बात हो चुकी है।