नई दिल्ली। नोटबंदी को बतौर उपब्लधि गिना रही केंद्र सरकार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से झटका लगा है। IMF ने भारत की वृद्धि दर अनुमान को 7.6 फीसदी से 1 फीसदी कम कर 6.6 कम कर दिया है। IMF ने इसकी वजब नोटबंदी से पैदा हुई अस्थायी नकारात्मक खपत के झटके को बताया है।
नोटबंदी से लगा तगड़ा छटका, दो वित्तीय वर्षों के लिए IMF ने घटाई भारत की वृद्धि दर बता दें कि इससे पहले विश्व बैंक ने भी भारत की वृद्धि दर घटाकर 7.6 फीसदी से 7 फीसदी कर दी है। सोमवार (16 जनवरी) को जारी की गई इकॉनमिक आउटलुक अपडेट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2016-2017 के लिए 1 फीसदी और अगले वित्तीय वर्ष में भारत की वृद्धि दर को 0.4 फीसदी कम कर दिया गया है। इसके पीछे वजह नोटबंदी के कारण नकदी संकट को बताया गया है। वहीं IMF ने अपनी ही रिपोर्ट में यह भी कहा कि 2016 में सुस्त रही अर्थव्यवस्था अगले दो साल में ठीक हो सकती है।
कहा गया है कि विकासशील देश, आगे के सालों में तेजी दिखा सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में भारत 2018 के वित्तीय वर्ष में 7.7 फीसदी की वृद्धि दर हासिल कर लेगा। वहीं वैश्विक विकास की वृद्धि दर 3.1 फीसदी रखी गई है।