मंडला। अध्यापक संघर्ष समिति के बैनर तले प्रांतीय आव्हान पर जिले के अध्यापक शिक्षा विभाग में संविलियन का सकंल्प लेंगें। और 9 जनवरी को भोपाल कूच कर संविलियन की मांग को लेकर जंगी प्रदर्शन करेगें। अध्यापक संर्घष समिति के जिलाध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सरकार अपने वादे के उलट अध्यापकों के शोषण के क्रम को अब तक जारी रखे हुये है।
सरकार अध्यापकों को समान कार्य का समान वेतन देने की बजाय छद्म छठवें वेतनमान से छलने का प्रयास कर रही है सरकार द्वारा जारी गणना पत्रक सारे के सारे लेखापालों, डीडीओ और स्थानीय निधि सम्परीक्षा और संगठनों द्वारा नकारे जाने के बाद भी सरकार उसी गणना पत्रक से बिना एक भी उदाहरण प्रारूप जारी किये वेतन निर्धारण कराने को तुली हुई है। अध्यापकों की स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति बार बार आश्वासन के बाद भी अब तक जारी नहीं की गई है।
अध्यापकों के अंशदायी पेंशन योजना का पैसा 18 माह से प्रान खाते में जमा नहीं किया गया है। अध्यापकों के मृत होने पर आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिल रही है और अब मात्र 4 लाख रूपये देकर अनुकम्पा नियुक्ति ही समाप्त करने का नियम बनाया जा रहा है। अध्यापकों को 2013 से समान वेतन देने के लिये अंतरिम राहत दी गई उसे भी वसूलने पर सरकार की नीयत लगी हुई है। 18 वर्ष की सेवा बीत जाने के बाद भी बीमा योजना अब तक लागू नहीं की गई है।
चाइल्ड केयर लीव नियम होने के बाद भी महिला अध्यापकों को इससे वंचित किया जा रहा है। वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नति नहीं दी जा रही है। उक्त विसंगतियों के चलते अध्यापकों में गहरा आक्रोश है और अध्यापकों की इन समस्याओं का अंत तभी हो सकता है जब अध्यापकों की सेवाएं स्थानीय निकाय से वापिस लेकर स्कूल शिक्षा विभाग को नहीं सौंप दी जाती। इसके लिये अध्यापक 5 जनवरी को शिक्षा विभाग में संविलियन का संकल्प लेंगें और संकल्प पूर्ण होते तक अपना आंदोलन जारी रखेंगें।