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भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर 1 दिसंबर से वाशिंग एप्रॉन का काम चल रहा है। रेलवे ने इसके लिए 40 दिन की समय सीमा तय की है, जिसमें अभी 3 दिन बाकी हैं। इस बीच अधूरे काम पूरे करने हैं, लेकिन तय में काम पूरे हो जाएं इस पर अभी संशय है। प्लेटफार्म पर लगाए जा रहे ग्रेनाइट की गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल के कारण काम में देरी हुई है। सूत्रों का कहना है कि मुख्य गेट से हबीबगंज छोर की तरफ 300 मीटर में ग्रेनाइट की गुणवत्ता पर रेलवे ने आपत्ति ली थी, जिसके बाद ठेकेदार से जवाब तलब किया था। बाद में सुधार हुआ जिससे काम में देरी हुई।
प्लेटफार्म ऊंचा होने से नहीं रहेगा दुर्घटना का खतरा
ग्रेनाइट लगने से प्लेटफार्म की ऊंचाई बढ़ गई है। इसका फायदा यात्रियों को होगा। अभी तक प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच गैप अधिक था। यात्रियों को दो या तीन सीढ़ियां चढ़कर बोगी के अंदर पहुंचना पड़ता था। प्लेटफार्म की ऊंचाई बढ़ने से यह गैप कम हुआ है। यात्री आसानी से ट्रेन में चढ़ सकेंगे। प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच अधिक गैप के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी।