इंदौर। अंतत: शेहला मसूद हत्याकांड का फैसला आ ही गया। इस मामले में भाजपा के तत्कालीन विधायक ध्रुवनारायण सिंह से अवैध रिश्तों में संलिप्त जाहिदा परवेज समेत 4 लोगों को उम्रकैद सुनाई गई है। जाहिदा की सहेली सबा फारुखी का नाम भी इसमें शामिल है जबकि सरकारी गवाह बने एक आरोपी इरफान को क्षमादान दिया गया है।
शेहला मसूद की 16 अगस्त 2011 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोहेफिजा इलाके में घर के बाहर कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वो एक आरटीआई कार्यकर्ता थी इसलिए मामले में तूल पकड़ा और शिवराज सिंह सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। करीब साढ़े पांच साल तक चले मुकदमे में सीबीआई की तरफ से 83 गवाह पेश किए। 137 सुनवाई के बाद इंदौर में सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया है।
जाहिदा पर आरोप है कि उसने शहला हत्याकांड की साजिश सौतिया डाह के चलते रची, क्योंकि इस आरटीआई कार्यकर्ता की कथित नजदीकियां भोपाल के तत्कालीन भाजपा विधायक ध्रुवनारायण सिंह से लगातार बढ़ती जा रही थीं। इस मामले में भाजपा नेता ध्रुवनारायण सिंह के अलावा आरएसएस से जुड़े एक बड़े नेता का नाम भी आया था। जांच में पाया गया कि भाजपा विधायक के दोनों महिलाओं से रिश्ते थे परंतु वो हत्या में शामिल नहीं थे।
फोन कॉल से मिला अहम सुराग
शेहला को जैसे ही कानपुर से आए कॉन्ट्रेक्ट किलर ने गोली मारी, शाकिब ने जाहिदा को कॉल कर इसकी सूचना दी। यही कॉल सीबीआई को चर्चित मर्डर मिस्ट्री की रहस्य तक लेकर गया।
जाहिदा ने शेहला के कत्ल के लिए शाकिब डेंजर से संपर्क किया। शाकिब कानपुर के तलाक महल इलाके में रहने वाले इरफान से मिला। इरफान अपने साथ शानू ओलंगा और सलीम को साथ लाया था। जाहिदा के साथ इस साजिश में उसकी राजदार सबा फारूखी भी शामिल थी। सीबीआई ने सबा को भी आरोपी बनाया है।
सुपारी देकर हत्या
10 अगस्त 2011 को जाहिदा ने काली इंडिका कार से जाकर उन्हें दो लाख रुपये दिए। बाकी रकम काम हो जाने के बाद देना तय हुआ। 20 नवंबर 2011 को शानू की कानपुर में हुए एक गैंगवार में रईस बनारसी और राजकुमार उर्फ मामा बिंद ने हत्या कर दी थी। भोपाल के पुराने शहर से पकड़े गए शाकिब डेंजर ने सीबीआई को बताया कि तीनों शूटरों के साथ वह भी 16 अगस्त को शेहला के घर गया था। इससे पहले उन्होंने कई बार रेकी भी की थी। शाकिब एक अलग बाइक से था और तीनों शूटर एक बाइक से थे। बाइक जाहिदा ने उपलब्ध कराई थी। गोली मारने के बाद शानू आगरा और इरफान व सलीम कानपुर चले गए थे। शाकिब इस दौरान भोपाल में ही घूमता रहा था।