नईदिल्ली। मोदी के समर्थन से कश्मीर की सीएम बनीं महबूबा नहीं चाहतीं थीं कि उनके पिता और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को भारत का पद्म पुरुस्कार दिया जाए। इसके पीछे की राजनीति क्या है ये तो वही जानें लेकिन मुफ्ती मोहम्मद के परिजनों से इंकार कर देने के कारण लास्ट मिनट में मुफ्ती मोहम्मद का नाम लिस्ट से हटाया गया।
केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अलग-अलग क्षेत्रों के 89 लोगों को पद्म पुरुस्कार देने की घोषणा की। लेकिन बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का नाम आखिर पलों में हटाया गया है। सूत्रों के मुताबिक मुफ्ती के परिवार वाले इसको लेकर उत्सुक नहीं थे। कश्मीर में पहला पीडीपी और भाजपा गठबंधन करने वाले सईद की मौत जनवरी 2016 में हुई थी। सईद पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री भी रह चुके हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि लिस्ट को सार्वजनिक करने और विजेताओं के नाम फाइनल करने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कई विजेताओं से बात की थी। अधिकारी ने बताया कि मुफ्ती के मामले में परिवार वाले उत्सुक नहीं थे। साथ ही अधिकारी ने बताया, ‘उनके (सईद) नाम पर अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा(जिनकी मौत दिसंबर 2016 में हुई) और पूर्व लोकसभा स्पीकर पीए संगमा के साथ विचार किया गया था।’
सईद ने मार्च 2015 में दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। इस बार उन्होंने पहली बार भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन किया था। सईद की मौत सात जनवरी 2016 को नई दिल्ली में एम्स में हुई थी। इसके बाद पीडीपी प्रमुख, उनकी बेटी और राजनीतिक उत्तराधिकारी महबूबा मुफ्ती राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।