
दरअसल, एक तय रणनीति के तहत सरकार ही मामले को लगातार लंबा खींच रही है। सरकार ने इस केस के लिए 4 करोड़ रुपए का बजट निकाल लिया है। इधर सपाक्स के पास इतना पैसा नहीं है। स्वभाविक है, समय के साथ पैसा खत्म हो जाएगा और यदि अच्छा वकील ही मैदान में नहीं रहा तो सपाक्स अपना मजबूत पक्ष भी नहीं रख पाएगी।
इसका असर भी दिखाई दे रहा है। सपाक्स के अध्यक्ष आनंद सिंह कुशवाह इन दिनों केस के खर्चे को लेकर तनाव में हैं। वो अपने साथियों से लगातार अपील कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा चंदा भेजें ताकि केस मजबूती से लड़ा जा सके। हालात यह हैं कि उन्होंने फेसबुक पर सार्वजनिक अपील भी की है। देखते हैं, कोर्ट के बाहर चल रही यह लड़ाई क्या टर्न लेकर आती है।