भोपाल। मप्र में और खासकर भोपाल में आप कांग्रेस के कार्यक्रम का नाम कुछ भी रख लो। वो हर हाल में परिचर्चा होती है और परिचर्चा का विषय होता है: कांग्रेस में गुटबाजी। नोटबंदी के विरोध स्वरूप आयोजित जनवेदना कार्यक्रम में अव्वल तो पीड़ित जनता ही नहीं थी। जो थे वो भी लीक से बाहर जाकर बात कर रहे थे। एक पार्टी पदाधिकारी ने एकता का सवाल उठा लिया तो पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी इस कदर भड़के कि मंच से फटकारते हुए कहा कि चुप बैठ जा भाड़े के टट्टू।
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भाषण दे रहे थे। तभी बीच में टोकते हुए शाजापुर जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष केदार मेवाड़ा ने दिग्गजों में मनमुटाव पर सवाल कर दिया। उनके भाषण के बीच दो कार्यकर्ताओं ने यह मुद्दा उठाया था। एक बार तो पचौरी ने अनसुनी कर दी लेकिन दूसरी बार जब मेवाड़ा ने अपनी जगह से ही सवाल किया तो वे आपा खो बैठे।
उनकी तल्ख टिप्पणी से मेवाड़ा का चेहरा लाल हो गया और आंखें भर आईं। हालांकि उनके आसपास के लोगों ने उनके भाव समझते हुए ढांढस बांधा। बाद में केदार मेवाड़ा ने कहा 'मैं ही नहीं कांग्रेस का हर कार्यकर्ता चाहता है कि बड़े नेता एक हो जाएं। पचौरीजी ने उसे व्यक्तिगत ले लिया।"
दिग्गजों की गुटबाजी पर पचौरी बोले
पचौरी ने बड़े नेताओं को भी नसीहत दी और कहा कि केवल जनवेदना नहीं यह कांग्रेस की भी वेदना है। बीजेपी की अंतरकलह और अंतरद्वंद्व का हम फायदा नहीं उठा पा रहे। हमें आज आपसी मतभेद, मनमुटाव को छोड़कर काम करने की जरूरत है। हमारे प्रदेश ने दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नेता दिए हैं जिनके अनुभवों का लाभ लेना चाहिए।