भोपाल। नोटबंदी ने सारे देश के नियम ही बदल दिए हैं। पुलिस भी अब कालाधन के नाम पर लोगों को धमकाने का काम कर रही है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि चोरी की रिपोर्ट दर्ज करने से पहले भोपाल पुलिस ने एक युवती से यह प्रमाणित करवा लिया कि उसके पास 10 हजार रुपए थे। जब उसने बैंक का प्रमाणित स्टेटमेंट प्रस्तुत किया तब पुलिस ने माना कि हां चोरी हुई होगी। इस पूरी प्रक्रिया में 1 महीना लग गया।
जानकारी के अनुसार मूलतः बिहार निवासी प्रियंका पिता राजीव रंजन उम्र 26 वर्ष एमपी नगर स्थित गोल्ड कंपनी में जॉब करती है। वह ओल्ड अशोका गार्डन में किराए से रहती हैं। 21 दिसंबर की रात पौने आठ बजे घर का गेट खोलते समय उसने सब्जी का थैला, हैंड बैग आदि मकान के सामने रख दिया था। तभी पीछे से आए बाइक सवार तीन बदमाश बैग उठाकर कर ले गए। बैग में 10 हजार रुपए नकद और एक मोबाइल समेत कुल 21 हजार का सामान रखा था।
जब वह इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने अशोक गार्डन थाने पहुंची तो पुलिस एफआईआर दर्ज करने तैयार ही नहीं हुई। पुलिस ने कहा कि पहले सबूत लाओ कि वो पैसे, मोबाइल और बैग तुम्हारा ही था। तमाम दौड़धूप के बाद युवती ने जब बैंक से प्रमाणित स्टेटमेंट लाकर दिया तब कहीं जाकर 21 दिसम्बर को हुई चोरी की रिपोर्ट 23 जनवरी को दर्ज की गई।