श्वेता सोनी/सिवनी। कलेक्टर का नाम लेते ही लोगों के दिमाग में कड़क अफसर की छवि उभर आती है, लेकिन सिवनी कलेक्टर की सादगी ने लोगों की इस सोच को बदल दिया है। जितने समय के पाबंद उतनी ही कर्तव्य के प्रति निष्ठा, लेकिन सादगी ऐसी की हर कोई कह देता है कलेक्टर हों तो ऐसा।
सिवनी कलेक्टर धनराजू एस अपने परिवार के साथ बाजार हो या शहर की सड़कें कहीं भी आम लोगों के बीच सादगी से बातचीत करते, सामान खरीदते, पैदल, बाइक पर दिखाई दे जाते हैं, तो वहीं बच्ची को स्कूल भेजना हो या लाना हो ये पैदल भी निकल पड़ते हैं। सोमवार की सुबह भी ऐसा ही वाक्या लोगों के सामने पेश आया।
शहर के सभी ऑटो चालकों ने सोमवार को रैली निकाली थी, ऐसे में कलेक्टर साहब की बिटिया को स्कूल ले जाने ऑटो वाला नहीं आया, तो कलेक्टर साहब ने बंगले से सरकारी गाड़ी को भी इस्तेमाल न करते हुए खुद ही बेटी का बेग, पानी की वॉटल, टिफिन बेग एक हाथ में थामा और दूसरे हाथ में बेटी का हाथ पकड़ पैदल स्कूल चल दिए। कचहरी चौक तिकोना पार्क के नजदीक स्कूल तक बेटी को छोड़ा और लोगों से बातचीत करते अकेले पैदल ही अपने बंगले की तरफ लौट गए।
जो कलेक्टर को पहचान नहीं सके, वे नजरअंदाज करते आते-जाते रहे, जिन्होंने कलेक्टर को पहचान लिया, वे ठहरकर दूसरों को बताते दिखे कि देखो कलेक्टर साहब हैं, कलेक्टर हों तो ऐसा कुछ लोगों ने जब उनसे पूछा कि वे स्वयं पैदल बेटी को छोडऩे क्यों जा रहे हैं तो उनका जबाव था मैं अपना काम खुद ही करता हूं।