नई दिल्ली। मोदी सरकार के दौरान भारत से भाग गए हजारों करोड़ के बैंक डिफाल्टर विजय माल्या मामले में भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। भाजपा का कहना है कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि माल्या को लोन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कहने पर दिया गया था।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि हमारे पास अनेकों ईमेल्स और पत्राचार की कॉपियां हैं जो ये बताने के लिए पर्याप्त है कि 2004 से 2014 के दौरान कांग्रेस किस कदर विजय माल्या पर मेहरबान थी। विजय माल्या को पहली बार कर्ज वर्ष 2004 में दिया गया। दूसरी बार 2008 में उन्हें कांग्रेस की रजामंदी से दूसरी बार कर्ज मिला, और जब ये सब लोन एनपीए में बदल गए तो 2014 में कर्जों की रिस्ट्रक्चरिंग की गई।
संबित पात्रा ने एक पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि अगर पत्र को ध्यान से देखें तो पता चलता है कि पीएमओ नेे संबधित मंत्रालय को साफ कहा कि आप माल्या की मदद करें। वहीं दूसरे पत्र में माल्या ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को मदद करने के लिए आभार व्यक्त किया है। इसके अलावा माल्या लिखते हैं जरूरत होने पर आपकी मदद की अपेक्षा रखता हूं।
चिट्ठियों का हवाला देकर कांग्रेस को घेरा
संबित पात्रा के मुताबिक माल्या ने पहली चिट्ठी 4 अक्टूबर 2011 को और दूसरी चिट्ठी 22 नवंबर 2011 को लिखी जबकि तत्कालीन वित्तमंत्री को माल्या ने 21 मार्च 2013 और 22 मार्च 2013 को दो चिट्ठियां लिखीं। पात्रा ने कहा कि 4 अक्टूबर 2011 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखी अपनी पहली चिट्ठी में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस को मदद करने पर खुशी जाहिर की।
यही नहीं किंगफिशर की मदद की पुष्टि 14 नवंबर 2011 को आए मनमोहन सिंह के एक बयान से भी होती है। उस दिन प्रधानमंत्री ने रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा था, 'हमने किंगफिशर को मुश्किल से निकालने का रास्ता निकाल लिया है गौरतलब है कि तत्कालीन केंद्रीय मंत्री वायलार रवि ने बेल आउट पैकेज की घोषणा की थी।
पात्रा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने माल्या की किस हद तक मदद की इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने माल्या का अकाउंट फ्रीज कर दिया तो मनमोहन सिंह के दबाव में उनका अकाउंट अनफ्रीज करना पड़ा।
मनमोहन सिंह थे मेहरबान
पूर्व पीएम मनमोहन इन्हीं मेहरबानियों पर माल्या ने 22 नवंबर 2011 को एक और चिट्ठी लिखी। दूसरी चिट्ठी में विजय माल्या ने मनमोहन सिंह के प्रति फिर से धन्यवाद दिया। पात्रा ने बताया कि विजय माल्या ने तीसरी चिट्ठी पी. चिदंबरम को 21 मार्च 2013 को लिखी। इस चिट्ठी का विषय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया था।
इस पत्र में माल्या ने चिदंबरम से कहा था कि हालांकि, स्टेट बैंक से किंगफिशर एयरलाइन पर कर्ज के बोझ को देखते हुए नाखुश हो सकता है। लेकिन, एयरलाइन के पिछले शानदार उपलब्धियों को देखते हुए थोड़ी नरमी बरतनी चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा है। माल्या ने चिदंबरम से गुहार लगाई कि वह स्टेट बैंक से एनओसी जारी करवाने के लिए मामले में दखल दें।
पात्रा ने बताया कि माल्या ने चिदंबरम को दूसरी चिट्ठी 22 मार्च 2013 को लिखी। माल्या ने कहा कि वित्त मंत्री से मिलने के बाद कुछ साकारात्मक पहल हुई है। उन्होंने कहा कि पीएएम को दुत्कारने के बाद एसबीआई बेंगलुरु किंगफिशर एयरलाइन को प्रेफरेंशल अलॉटमेंट के लिए एनओसी जारी करने पर राजी हो गया। गौरतलब है कि हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ ने पीएमओ से प्राप्त जानकारियों के आधार पर कुछ दिन पहले ही इस बात का खुलासा कर दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विजय माल्या को बढ़-चढ़कर मदद की थी।