भोपाल। मप्र के स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह शिवपुरी में बड़ी शान के साथ गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहरण करने शिवपुरी गए थे परंतु वहां अस्पताल के हालात को लेकर जब मीडिया ने सवाल किए तो मंत्रीजी झल्ला उठे। एक दो सवालों के बेतुके जवाब दिए, फिर यह कहते हुए चल लिए कि 'इस तरह के सवाल करना है तो जय राम जी की।'
दरअसल, शिवपुरी जिला चिकित्सालय में अत्याधुनिक आईसीयू तो है लेकिन डॉक्टर नहीं हैं। हालात यह है कि 16 लाख की आबादी का इलाज करने वाले अस्पताल में एक भी स्पेशलिस्ट नहीं हैं। जो थे वो वीआरएस लेकर चले गए। सरकार ना तो उन्हे नियमित रहने के लिए मना पाई और ना ही कोई दूसरी व्यवस्था कर पाई। आईसीयू में ताले लगा दिए गए।
स्वास्थ्य मंत्री से जब पत्रकारों ने इस बारे में सवाल किया तो उनका कहना था कि अगर स्पेशलिस्ट नहीं हैं तो क्या, अस्पताल में बाकी इलाज तो हो रहा है। ये कोई फेलिअर नहीं हैं। मेरे ग्रह जिले मुरैना सहित प्रदेश के कई जिला अस्पतालों में तो आईसीयू ही नहीं हैं।
एक माह पहले डॉक्टरों द्वारा वीआरएस का नोटिस देने के बावजूद विभाग ने पहले से कोई इंतजाम नहीं किए। इस पर मंत्री विफर गए उनका कहना था कि यह एक प्रजातांत्रिक व्यवस्था है, किसी डॉक्टर को जबरदस्ती पकड़कर काम तो करवाया नहीं जा सकता, फिर भी हम नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं।
जब मंत्रीजी को बताया गया कि इस मामले में अब तक डॉक्टरों को नोटिस तक जारी नहीं किया गया तो वह मीडिया पर भड़कते हुए बोले कि आयुक्त और सचिवालय में आप बैठते हो क्या। प्रक्रिया चल रही है आपको क्या बता दें और मैंने अस्पताल प्रबंधन से जानकारी ली है। इलाज तो हो ही रहा है।
जब पूछा गया कि अस्पताल में तो टांके तक स्वीपर लगा रहे हैं क्या यही व्यवस्था है। इस पर मंत्रीजी आपा खो बैठे। प्रेसवार्ता छोड़कर यह कहते हुए आगे बढ़ गए कि आप लोगों को इस तरह के सवाल करना है तो जय राम जी की।