जबलपुर। ऐसा कर्मचारी जिसका आने वाले एक दो सालों में रिटायरमेंट होने वाला है, उसे तंग करने वाला तबादला आदेश नहीं थमाया जा सकता। 'तंग करने वाला तबादला' से आशय ऐसा ट्रांसफर आदेश जिसका पालन करना उसके लिए असहज हो।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्ति से महज एक वर्ष पूर्व हार्टीकल्चर के संयुक्त संचालक लक्ष्मण राउतकर को गृहनगर छिंदवाड़ा से काफी दूर इंदौर स्थानांतरित किए जाने के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ उनकी शिकायत अविलंब दूर करने निर्देश दे दिए।
न्यायमूर्ति सुजय पॉल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता पुष्पेन्द्र दुबे ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता बैतूल में पदस्थ है। उसे पिछले दिनों इंदौर स्थानांतरित कर दिया गया। सवाल उठता है कि जब रिटायरमेंट को मात्र 13 माह शेष हैं, तो बैतूल में ही रखने या फिर गृहनगर छिंदवाड़ा भेजने के बदले इंदौर जैसे दूर-दराज के जिले में क्यों भेज दिया गया। इस वजह से बीमारी की हालत में परिवार परेशानी में आ गया है।