भोपाल। वर्ष 2015 में पूरे परिवार सहित आत्महत्या करने के सबसे ज्यादा मामले मप्र में सामने आए। ये खुलासा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2015 को लेकर जारी उस रिपोर्ट से हुआ, जिसमें देशभर में हुए आत्महत्या के आकड़ें हैं। मप्र में एक साल में 17 परिवारों के आत्महत्या के मामले सामने आए, जिसमें 43 लोगों ने जान दी। इंदौर में सबसे ज्यादा पांच मामले रहे, जिसमें 10 लोगों ने जान दी।
रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2015 में मप्र में कुल दस हजार 293 लोगों ने आत्महत्या की, जो देश में पांचवे नंबर पर है। इतनी मौतों के साथ देशभर में आत्महत्या से होने वाली मौतों का मप्र का प्रतिशत 8.1 रहा। मौतों की अन्य वजहों में बिजली के वायरों को छूकर मारे गए लोग भी सबसे ज्यादा मप्र में रहे, इनकी संख्या 176 थी।
फांसी सबसे ज्यादा प्रचलन में
प्रदेश में 1001 लोगों ने आत्मदाह किया। इनमें 731 महिलाएं और 270 पुरूष थे। नदी और तालाब में कूदकर मरने वालों की संख्या 549, तो नींद की गोलियां खाकर 37 लोगों ने जान दी। जहर खाकर 2860 लोग मरे, तो फांसी पर झूलकर 5036 लोग। दस लोगों ने ऊंची इमारत से कूदकर जान दी।