एटा। सपा के नए सुप्रीमो अखिलेश यादव को भरोसा है कि इस चुनाव में उनके बापू (मुलायम सिंह यादव) सेहत के लिए हानिकारक नहीं होंगे। बीते रोज नेताजी ने अखिलेश के गठबंधन के प्रति तल्ख बयान जारी किए थे। अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें ‘विश्वास’ है कि उनके पिता चुनाव प्रचार में भाग लेंगे और सपा की सत्तावापसी से ‘सबसे ज्यादा खुश’ भी होंगे।
सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि मुलायम सिंह यादव हमारे लिए प्रचार करेंगे। यदि समाजवादी पार्टी प्रदेश में सत्ता में आती है तो वह (मुलायम सिंह) सबसे ज्यादा खुश होंगे।’ अखिलेश आज एटा, जैथरा, पटियाली और कासगंज में चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे थे।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन पर नाराजगी जताते हुए सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कल कहा था कि विधानसभा चुनावों में वह प्रचार नहीं करेंगे। मुलायम ने कहा था, ‘मैं पूरी तरह गठबंधन के खिलाफ हूं। मैं इसके लिए प्रचार नहीं करूंगा।’ गौरतलब है कि दोनों दलों के बीच दोस्ताना संबंधों का प्रदर्शन करते हुए अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कल लखनउ में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया था और एक रोड शो भी किया।
अखिलेश द्वारा पार्टी अध्यक्ष पद से हटाए जाने से पहले विधानसभा में गठबंधन की संभावनाओं से इनकार कर चुके मुलायम ने कहा था, ‘कांग्रेस ने लंबे समय तक देश पर शासन किया है और उसे निस्तेज (सुस्त) कर दिया है। हम हमेशा से कांग्रेस के खिलाफ लड़े हैं।’
उन्होंने कहा था, ‘समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है। अतीत में भी हम अकेले लड़े हैं और बहुमत के साथ सरकार बनायी है। गठबंधन बनाने की कभी जरूरत नहीं पड़ी।’
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनकी पार्टी के चुनावी घोषणापत्र की ‘नकल’ की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर नोटबंदी के माध्यम से लोगों को परेशान करने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस के साथ गठबंधन पर उन्होंने कहा, ‘हाथ के सहयोग से साइकिल मजबूत हुई है।’ हाथ कांग्रेस का चुनाव चिन्ह है जबकि साइकिल सपा की।
अखिलेश ने दावा किया कि भाजपा का ‘संकल्प पत्र’ सपा के घोषणापत्र से लिया गया है और उनकी सरकार द्वारा कराए गए कार्यों के आधार पर कोई उनसे मुकाबला नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘अच्छे दिन आने और 2014 लोकसभा चुनाव से पहले खातों में 15 लाख रूपए भेजने का जो वादा भाजपा ने किया था वह कहां हैं।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लोग देख सकते हैं कि पिछले पांच वर्षों में हमने प्रत्येक क्षेत्र में बहुत प्रगति की है.. हमने समाजवादी एम्बुलेंस सेवा शुरू की है। अपराध नियंत्रित करने और लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आपात पुलिस सेवा ‘डायल 100’ शुरू की गयी।’
हालांकि मंच पर सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ-साथ आजम खान, राम गोपाल यादव के पोस्टर थे, लेकिन रहस्यमयी तरीके से नेताजी (मुलायम) का पोस्टर वहां से लापता था। मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर अखिलेश ने केन्द्र पर आम जनता को परेशान करने का आरोप लगाया और जानना चाहा कि क्या भ्रष्टाचार और कालाधन खत्म हो गया है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने आरोप लगाया, ‘बैंकों की लंबी लाइनों में खड़े होने के लिए मजूबर करके गरीबों को परेशान किया गया जबकि अमीरों को कोई दिक्कत नहीं आयी।’
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