उपदेश अवस्थी @लावारिस शहर। वहां संसद में आज राष्ट्रपति महोदय भ्रष्टाचार के खिलाफ नोटबंदी और कैशलेस की तारीफ कर रहे थे, यहां मप्र में 2 अधिकारी व 1 क्लर्क रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिए गए। इन खबरों पर काम करते करते ध्यान में आया कि यदि सचमुच इंडिया कैशलेस हो गया और रिश्वतखोरों ने भी कैशलेस रिश्वत का कोई तोड़ निकाल लिए तो लोकायुक्त क्या करेगा।
दरअसल, लोकायुक्त की पूरी कार्रवाई ही 'रंगे हाथों' पर टिकी हुई है। लोकायुक्त के पास स्टाफ कम है, इसलिए किसी भी शिकायत के आने पर सबसे पहले वो शिकायतकर्ता से सबूत मंगवाता है। इसके लिए पीड़ित और आरोपी कर्मचारी के बीच रिश्वत की बातचीत टेप की जाती है। पहले लोकायुक्त एक टेप रिकॉडर शिकायतकर्ता को दिया करता था। आजकल इंडिया एंड्राइड हो गया है। बातचीत फोन पर होेती है तो अपने आप रिकॉड हो जाती है। इसके बाद लोकायुक्त शिकायतकर्ता द्वारा दिए जाने वाले रिश्वत के रुपयों में एक विशेष प्रकार का केमिकल लगाता है। जैसे ही अधिकारी/कर्मचारी अपने हाथ में रिश्वत के रूपए लेता है। केमिकल उसके हाथ में भी लग जाता है। फिर उसके हाथ धुलाए जाते हैं। धुलाई के दौरान उसके हाथ रंग जाते हैं। इसी को कहते हैं 'रंगे हाथों पकड़ना।'
सवाल यह है कि यदि रिश्वत कैशलेस हो गई तो ना नोट रहेंगे और ना केमिकल लगाया जा सकेगा। ऐसे में अधिकारी/कर्मचारी के हाथ भी नहीं रेंगेंगे। तब लोकायुक्त कार्रवाई कैसे करेगा। अब ये मत कहना कि रिश्वतखोरी कैशलेस हो ही नहीं सकती। लोगों के दिमाग का आप अनुमान नहीं लगा सकते। 8 नवम्बर 16 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान किया था और रात 12 बजे तक मात्र 4 घंटों में 400 क्विंटल गोल्ड बाजार से बिक गया। यह प्रमाणित करता है कि जालसाजों का दिमाग नरेंद्र मोदी से भी तेज चलता है।
सारा देश बदल रहा है परंतु लोकायुक्त आज भी अपनी स्थापना के समय बनाए गए तरीकों को ही फॉलो कर रहा है। शिकायत मिलने पर ही कार्रवाई की जाती है। लोकायुक्त कभी खुद स्टिंग नहीं करता। जबकि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वो अपने सिस्टम की जांच करती रहे। अच्छी सरकार वो होती है जो आम जनता को परेशानी आने से पहले ही उसका समाधान कर दे परंतु अब जमाने में इतनी गंभीरता कहां। अधिकारी खुलेआम कहने लगे हैं 'शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे।' शिकायत ना मिले तो भले ही सारा सिस्टम सड़ जाए, बदबू मारने लगे लेकिन ये मुई सरकार उसमें कोई सुधार नहीं करेगी।