भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि नोटबंदी की धमक का सारे समाज को अहसास हुआ है। राजनैतिक वर्ग की कुछ चले जाने की पीड़ा भी जनसामान्य की सहानुभूति नहीं हासिल कर पायी। क्योंकि आम आदमी को विमुद्रीकरण से देश को होने वाले व्यापक लाभ की संभावनाएं प्रबलतर दिखाई दी। देश की जनता ने विमुद्रीकरण के 50 दिनों में जो धैर्य और साहस दिखाया, उसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हर वर्ग की जनता के प्रति आभार जताया है। उनकी जिन्दगी को आसान बनानें के लिए ज्वलंत समस्याओं का दिल खोलकर समाधान किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ढ़ाई वर्षों के कार्यकाल में इनीशिएटिव फैसले लिए, जिनका जनजीवन पर स्थायी असर परिलक्षित हुआ है।
उन्होनें कहा कि जहां प्रधानमंत्री ने कमजोर वर्ग के लिए नये प्रोत्साहनों का ऐलान किया, वहीं कालाधन और भ्रष्टाचार के विरोध में आरंभ अभियान को धर्मयुद्ध के रूप में पूर्ण तन्मयता के साथ जारी रखने का आव्हान किया। श्री मोदी जी ने ढ़ाई वर्षों में देश को जो उपलब्धियां दी है, उससे आत्ममुग्धता से परे उन्होनें आने वाले दिनों में जनता की जिन्दगी में सकून लाने की गंभीर चिंता व्यक्त की है। समाधान के लिए ठोस कदम उठाया है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मानते है कि कृषि प्रधान देश में किसान ही अर्थव्यवस्था का मेरूदंड है। किसान को कर्ज पर लगने वाले ब्याज में 60 दिन के ब्याज की भरपाई हेतु नाबार्ड को 20 हजार करोड़ रू. स्वीकृत कर दिये है। किसान क्रेडिट कार्ड को रूपे कार्ड में बदले जाने, लघु उद्योग के लिए क्रेडिट गारन्टी एक करोड़ रू. से बढ़ाकर दो करेाड़ रू. करके उन्होनें लघु कुटीर उद्योगों के प्रोत्साहन के जरिये बेरोजगारी पर प्रहार किया है। प्रधानमंत्री ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और शिशु-मातिृका कल्याण को गति देने के लिए देश के सभी 650 से अधिक जिलों में गर्भिणी माताओं को 6-6 हजार रू. मंजूर किये है। जो गर्भवती महिला के खाते में सरकारी अस्पतालों में पंजीकरण के साथ ही जमा हो जायेंगे। यह महिला सशक्तीकरण के लिए नायाब तोहफा सिद्ध होगा।
उन्होनें कहा कि जीवन की संध्या में वरिष्ठजन की आय का नया जरिया प्रधानमंत्री ने उनकी बचत को बना दिया है। वरिष्ठ नागरिक अपनी बचत साढ़े सात लाख रू. तक 10 वर्ष के लिए जमा करके 8 प्रतिशत ब्याज प्राप्त कर आनंद से गुजारा कर सकते है। देखा जाता है कि फिक्सड डिपाजिट पर ब्याज घटता रहता है, बुजुर्गों को 8 प्रतिशत ब्याज स्थिर रहेगा। श्री चैहान ने कहा कि 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंको का राष्ट्रीयकरण जिस उद्देश्य से किया था, उस उद्देश्य को साढ़े चार दशक बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन-धन योजना में आम आदमी का जीरो बैलेंस पर खाता खोलकर पूरा किया है। विमुद्रीकरण के बाद इन्हीं खातों में अब डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर होने से हितग्राहियों को बैंक खातेदार होने का गौरव हासिल हो गया है और बिचैलियों से मुक्ति मिली है। सब्सीडी और अन्य लाभ इन्हीं खातों में जमा हो जायेगा। उसे यहां-वहां चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।